गर्मियों में भिंडी की फसल में कीड़े लगने का खतरा बहुत बढ़ जाता है ऐसे में कीट नियंत्रण के उपाय जल्द कर लेना चाहिए जिससे फसल ख़राब होने से बच जाती है। तो चलिए इसके रोकथाम के उपाय जानते है।
भिंडी की फसल में कीट का आतंक
गर्मियों में भिंडी की फसल में विशेष रूप से कीड़ों का प्रकोप देखा जाता है गर्मियों में कई तरह के कीट भिंडी की फसल को नुकसान पहुंचा सकते है जैसे कि रस चूसक कीट, फल छेदक और लाल मकड़ी है। ये कीट भिंडी के बंपर उत्पादन में गिरावट ला सकते है इन कीटों से बचाव के लिए आज हम आपको एक ऐसे जैविक घोल के बारे में बता रहे है जो भिंडी की फसल के लिए बहुत लाभकारी साबित होता है तो चलिए जानते है कौन सा घोल है।

भिंडी की फसल में डालें ये घोल
भिंडी की फसल में डालने के लिए हम आपको नीम के तेल, नीम के पत्ते, गोमूत्र, हरी मिर्च से तैयार जैविक घोल के बारे में बता रहे है नीम का तेल और पत्ते पौधों में जैविक कीटनाशक का काम करते है क्योकि नीम के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते है जो कीटों को खत्म करने के लिए लाभकारी साबित होते है गोमूत्र का उपयोग फसल में कीट-फंगस से बचाव, और मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए बहुत फायदेमंद होता है इसके अलावा अगर कीड़ों का अधिक प्रकोप हो तो रासायनिक दवाओं में इमामेक्टिन बेंजोएट दवा का उपयोग भी कर सकते है इमामेक्टिन बेंजोएट एक कीटनाशक है इसका इस्तेमाल कीटों के नियंत्रण के लिए किया जाता है।
कैसे करें उपयोग
भिंडी की फसल में नीम के तेल, नीम के पत्ते, गोमूत्र, हरी मिर्च से तैयार जैविक घोल का उपयोग बहुत ज्यादा उपयोगी और लाभकारी साबित होता है इस घोल को तैयार करने के लिए 5 लीटर पानी में नीम के पत्ते को उबालना है फिर पानी को छानकर उसमे 3 चम्मच नीम के तेल, 2 लीटर गोमूत्र, और हरी मिर्च के पेस्ट को डालकर अच्छे मिलाकर भिंडी की फसल में छिड़काव करना है ऐसा करने से भिंडी की फसल में लगे सभी कीट खत्म हो जाएंगे और फसल का उत्पादन जबरदस्त होगा। इसके अलावा इमामेक्टिन बेंजोएट दवा 8 से 10 ग्राम 15 लीटर पानी में मिलकर छिड़काव कर सकते है।