मूंग की खेती में अच्छे उत्पादन के लिए अच्छी किस्म के बीजों का चयन करना सबसे महत्वपूर्ण काम होता है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है कौन सी किस्म की बुवाई करनी चाहिए।
20 अप्रैल तक कर लें मूंग की इन किस्मों की बुवाई
मूंग की खेती बहुत ज्यादा फायदेमंद होती है आज हम आपको मूंग की कुछ ऐसी टॉप किस्मों के बारे में बता रहे है जो कम समय में बहुत अधिक उपज देने वाली होती है ये किस्म न केवल अधिक पैदावार देती है बल्कि इनकी डिमांड भी बाजार में खूब ज्यादा होती है इनकी खेती में लागत बेहद कम आती है और कमाई बहुत जबरदस्त होती है इन किस्मों की खास बात ये है की ये कई रोगों के प्रति प्रतिरोधी होती है। तो चलिए जानते है कौन सी किस्म है।

मूंग की PDM 139 किस्म
अप्रैल के महीने में किसान मूंग की PDM 139 किस्म की बुवाई आसानी से कर सकते है ये किस्म बंपर उपज और रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करती है इसकी खेती में लागत बहुत कम आती है और ये पीला मोजक वायरस के प्रति प्रतिरोधी होती है। इस किस्म की फलियां लंबी, दाने मोटे और चमकदार होते है इसकी खेती के लिए जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है एक हेक्टेयर में मूंग की PDM 139 किस्म की खेती करने से करीब 10 से 12 क्विंटल की पैदावार होती है बुवाई के बाद इसकी फसल 50-60 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
मूंग की पूसा विशाल किस्म
पूसा विशाल मूंग की एक उन्नत किस्म है इसकी बुवाई के लिए अप्रैल का महीना अच्छा होता है मूंग की इस किस्म के दाने आकार में बड़े होते है। मूंग की पूसा विशाल किस्म की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। इसकी खेती लिए पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए फिर मिट्टी में गोबर की खाद डालनी चाहिए। एक हेक्टेयर में इसकी बुवाई के लिए 12-15 किलोग्राम बीज पर्याप्त होते है। बुवाई के बाद इसकी फसल करीब 60 से 70 दिनों में तैयार हो जाती है और 8-10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देती है।
मूंग की IPM 02-3 किस्म
किसान भाई 20 अप्रैल तक मूंग की IPM 02-3 किस्म की बुवाई भी कर सकते है ये मूंग की एक उन्नत किस्म है जो कम समय में अधिक उपज देने के लिए जानी जाती है इसे विराट के नाम से भी जाना जाता है। मूंग की IPM 02-3 किस्म की खेती के लिए पहले खेत की जुताई करनी चाहिए फिर मिट्टी में जैविक खाद डालनी चाहिए। इसकी खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु सबसे अच्छी रहती है। बुवाई से पहले बीजों को 3 ग्राम कैप्टान या 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम प्रति किलो बीज के साथ उपचारित करना चाहिए। बुवाई के बाद इसकी फसल करीब 65 दिनों में तैयार हो जाती है। एक हेक्टेयर में मूंग की IPM 02-3 किस्म की खेती करने से करीब 12-15 क्विंटल तक पैदावार होती है।