बारिश में दिखे केचुएं तो भगाएं नहीं पौधों के लिए वरदान, जानिये केंचुआ गार्डन के लिए कितना फायदेमंद है

बारिश में दिखे केचुएं तो भगाएं नहीं पौधों के लिए वरदान, जानिये केंचुआ गार्डन के लिए कितना फायदेमंद है। बैठे-बैठाएं हो जाएंगे कई काम।

बारिश में आते है केंचुए

आजकल खेती-किसानी, बागवानी से जुड़े लोग केचुआ खरीद कर खाद बना रहे हैं। लेकिन बारिश में तो वैसे भी केंचुए बगिये की तरफ दौड़े आते हैं। वह घर में भी घुसने लगते हैं। लेकिन आपको बता दे कि यह केंचुए बहुत ही ज्यादा आपके बगीचे के लिए फायदेमंद है। इसीलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर गार्डन में केंचुए है तो इसके कौन-कौन से फायदे होते हैं।

इनसे आपका बहुत सारा पैसा जो खाद में जाता है वह बच जाएगा। साथ ही आप इनसे खाद भी बना सकते हैं। आपको बता दे की केंचुओं को किसानों का दोस्त कहते हैं। क्योंकि यह मिट्टी के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होते हैं। तो चलिए जानते हैं कि केंचुए के क्या-क्या फायदे हैं।

बारिश में दिखे केचुएं तो भगाएं नहीं पौधों के लिए वरदान, जानिये केंचुआ गार्डन के लिए कितना फायदेमंद है

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गार्डन में केंचुआ होने के फायदे जानिये

नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिए केंचुआ के फायदे।

  • केंचुआ मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाता है। मिट्टी को और ज्यादा उपजाऊ बना देता है। केंचुएं को अगर अपशिष्ट मिट्टी में भी डाल दिया जाए तो वह उसे पोषण से भर देता है।
  • केंचुआ का जो मल मूत्र होता है उसमें भी नाइट्रोजन और फास्फोरस पाया जाता है। यही कारण है कि केंचुए के मल मूत्र से वर्मी कंपोस्ट जैसी शक्तिशाली खाद बनती है।
  • अगर बगीचों में केंचुए रहते हैं तो मिट्टी को हवादार बना देते हैं। जिससे मिट्टी के भीतर जल निकासी के साथ-साथ वायु भी अंदर जाती है।
  • केंचुए मिट्टी को हवादार करते हैं। जिसके कारण पौधों की जड़ों को ऑक्सीजन संचार करने में मदद मिलती है।
  • केंचुए मिट्टी को ढीला करते हैं। जिसके कारण पौधों की ग्रोथ और तेज हो जाती है।
  • केचुआ अन्य कीटों से भी पौधों की सुरक्षा करते हैं। केंचुए बगिया में आने वाले हानिकारक कीटों को समाप्त कर देते हैं।

इस तरह यहां पर आपको केंचुए के कई फायदे बताए गए हैं। लेकिन इससे कुछ नुकसान भी होते हैं। जैसे कि जिन पौधों के जड़े बहुत ही ज्यादा नाजुक होती है उनके लिए यह नुकसानदायक होते हैं। अगर अधिक मात्रा में केंचुए हो जाते हैं तो मिट्टी ज्यादा खोखली होती है। जिससे पौधों को मिट्टी से पोषण कम मिलने लगता है।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद