दलहनी फसल की खेती करेगी पैसो की झमाझम बरसात, जाने क्या है इस फसल का नाम। मूंग एक महत्वपूर्ण दलहनी फसल है, जिसे दाल के रूप में उपयोग किया जाता है। यह प्रोटीन से भरपूर होती है और इसकी खेती मुख्य रूप से भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और दक्षिण एशिया के अन्य देशों में की जाती है। आइए मूंग की खेती के बारे में विस्तार से बताते है।
मूंग की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी
मूंग गर्म और शुष्क जलवायु में अच्छी तरह बढ़ती है। हल्की दोमट या बलुई दोमट मिट्टी, जिसमें उचित जल निकास हो, सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी का pH मान लगभग 6.2-7.2 के बीच होना चाहिए।
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मूंग की खेती कैसे करें
गर्मी में मार्च-अप्रैल और मानसून में जून-जुलाई इसके साथ सर्दियों में अक्टूबर-नवंबर में इसकी बुआई की जाती है। मूंग की फसल को 2-3 सिंचाई की आवश्यकता होती है। बारिश के मौसम में सिंचाई की जरूरत नहीं होती। जब 80% फलियां पककर पीली हो जाएं, तो कटाई करें।
औसतन 10-15 क्विंटल/हेक्टेयर उपज प्राप्त होती है। इसकी बीज की दर लगभग 8-10 किग्रा/हेक्टेयर होती है वही इसकी बुवाई की गहराई लगभग 3-4 सेमी रखनी होती है। इसकी पंक्ति से पंक्ति की दूरी लगभग 30-40 सेमी रखना होता है।
मूंग से कमाई
मूंग की खेती में प्रति हेक्टेयर 18-20 हजार रुपये खर्च आ सकता है, लेकिन 40 रुपये प्रति किलो के भाव पर 12,000 से 14,000 रुपये का शुद्ध लाभ प्राप्त हो सकता है। मूंग की खेती से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
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