रसोई घर का राजा कहलाने वाली इस नकदी फसल की खेती किसानो को बनाएगी अम्बानी, जाने फसल का नाम। प्याज की खेती भारत में बड़े पैमाने पर की जाती है। यह एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है, जिसका उपयोग सब्जियों, मसालों और सलाद में किया जाता है। आइए प्याज की खेती के बारे में हम आपको विस्तार से बताते है।
जलवायु और मिट्टी
प्याज समशीतोष्ण जलवायु में अच्छी तरह बढ़ता है। अधिक ठंड या अधिक गर्मी फसल को नुकसान पहुंचा सकती है। हल्की दोमट और जलनिकासी वाली मिट्टी सबसे अच्छी होती है। इसका pH मान 6.0 से 7.5 के बीच उपयुक्त होता है। अत्यधिक क्षारीय या अम्लीय मिट्टी से बचें।
प्याज की खेती कैसे करे
बुवाई का सही समय खरीफ में जून-जुलाई और रबी में अक्टूबर-नवंबर इसके साथ ही जायद में जनवरी-फरवरी में होता है। नर्सरी में सबसे पहले बीज बोए जाते हैं। 6-8 हफ्ते बाद जब पौधे 15-20 सेमी के हो जाते हैं, तब उन्हें खेत में रोपण किया जाता है। कतारों के बीच 15-20 सेमी और पौधों के बीच 10 सेमी की दूरी रखें। पहली सिंचाई बुवाई के तुरंत बाद करें। गर्मियों में 4-5 दिनों के अंतर पर सिंचाई करें।
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सर्दियों में 8-10 दिनों के अंतर पर सिंचाई करें। कटाई से 10-15 दिन पहले सिंचाई बंद कर दें। बुवाई के 100-140 दिनों बाद प्याज पकने लगते हैं। जब प्याज के पत्ते पीले होकर गिरने लगें, तब फसल की कटाई करें। कटाई के बाद 2-3 दिनों तक प्याज को खेत में सुखाएं। प्याज का उत्पादन 20-25 टन/हेक्टेयर होता है।
प्याज का भंडारण और बाजार प्रबंधन कैसे करे
प्याज को अच्छी तरह सूखाकर हवादार स्थान पर रखें। भंडारण के लिए नमी रहित जगह का चुनाव करें। उचित भंडारण से प्याज 3-4 महीने तक सुरक्षित रह सकता है।
प्याज से कमाई
प्याज की खेती अगर आप करते है तो आपको इसकी खेती में लागत लगभग 2 से 2.5 लाख आएगी वही आपको इससे कमाई लगभग 6 से 8 लाख रूपए आराम से हो सकती है। इस प्रकार यह खेती आपको मालामाल कर देगी।
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