कम जमीन से किसान अगर 2 लाख की कमाई एक सीजन में करना चाहते हैं तो चलिए आपको देसी फूल की खेती से होने वाली कमाई के बारे में बताते हैं-
देसी फूलों की खेती में कमाई
देसी फूलों की खेती करना किसानों के लिए आसान होता है। यह बड़े आसानी से उठ जाते हैं। बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत भी नहीं होती। उनकी खेती में लागत भी कम आती है। उनकी डिमांड भी ज्यादा होती है, जैसे कि गेंदा की खेती। गेंदा एक देसी फूल है। भारत में यह आमतौर पर रुक जाता है। इसकी डिमांड शादी पर, त्योहारों में बहुत ज्यादा रहती है। पूजा-पाठ के साथ-साथ यह सजावट के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। इसमें औषधीय गुण भी होते हैं।
इसकी खेती करने वाले बिहार के किसान संजय कुशवाहा एक एकड़ से 2 लाख की कमाई कर रहे हैं, तो चलिए आपको बताते हैं गेंदा की खेती कैसे होती है, और इसकी खेती में आने वाली लागत।
इन बाजारों में करते हैं फूलों की बिक्री
गेंदा की खेती करने का मन बना रहे हैं तो इसके लिए आप बढ़िया बाजार भी होना चाहिए। जिसमें किसान बताते हैं कि दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी जैसे आसपास बढ़िया मंडी में फूलों की बिक्री हो जाती है। साथ ही साथ वह नेपाल में भी गेंदा का निर्यात करते हैं। इसलिए किसान को इतना ज्यादा मुनाफा हो रहा है, अच्छी कीमत मिल रही है। इसलिए किसानों को मार्केटिंग पर भी ध्यान देना पड़ेगा, इस तरह की फसलों की खेती करने के लिए। साथ ही जिस किस्म की अच्छी कीमत आपके आसपास मिलती हो उसकी बुवाई करें।

गेंदा की खेती कैसे करें
गेंदा की खेती बड़े आसानी से किसान भाई कर सकते हैं। जिसमें बताया जाता है कि 4 से 5 महीने की फसल होती है। इसकी खेती बीज के द्वारा या कटिंग से भी कर सकते हैं। जिसमे बीज से नर्सरी तैयार करेंगे तो ज्यादा बेहतर होगा। मिट्टी की बात करें तो बढ़िया जल निकासी वाली उपजाऊ मिट्टी बेहतर होती है। जिसका पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच बेहतर जाता है। किसान तेजाबी या खड़ी मिट्टी में गेंदा के खेती न करें, घाटा हो सकता है। एक एकड़ में गेंदा खेती करने के करीब 800 ग्राम बीजों की जरूरत पड़ती है।
गेंदा की खेती में लागत
गेंदा की खेती में किसान ने बताया कि एक एकड़ से 2 लाख का शुद्ध मुनाफा हो जाता है। वही लागत की बात करें तो एक एकड़ में 10 से 15000 रुपए लागत साल 2023 के अनुसार आई थी। लेकिन अगर किसान अधिक रासायनिक खाद, कीटनाशक आदि का इस्तेमाल करते हैं तो लागत बढ़ सकती है। किसानों के पास जितने ज्यादा साधन होंगे, लागत उतनी कम हो जाती है। पानी की सुविधा होगी, खेत तैयार करने के लिए कृषि यंत्र होंगे, तो इस तरह से लागत कम हो जाएगी।