इस लेख में आपको किसान रणधीर सिंह की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं, जिससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है-
किसान का परिचय
खेती-किसानी करके भी पैसे और नाम कमाए जा सकते हैं। जिसमें किसान रणधीर सिंह की बात करें तो उन्होंने बहुत ऊंची उड़ान भरी है। बचपन से ही उन्हें बागवानी का शौक था। किसान कुरुक्षेत्र हरियाणा के रहने वाले हैं। उन्हें अभी तक 219 अवार्ड मिल चुके हैं। केंद्र सरकार ने सम्मानित कर चुकी है। वह बताते हैं कि 1972 से वह खेती कर रहे हैं। लेकिन अब 5 साल से किचन गार्डनिंग करते हैं। उन्होंने 6.2 इंच लंबी लौकी का रिकॉर्ड बनाया है। इसके अलावा लंबी अदरक, लंबे गाजर आदि का भी रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं।
प्राइमरी क्लास में मिला था पहला इनाम
किसान बताते हैं कि जब वह छोटे थे, प्रायमरी में पढ़ रहे थे तो साल 1968 में उन्हें गेंदे की क्यारी में फर्स्ट अवॉर्ड मिला था। दरअसल, उन्होंने गेंदे के सबसे लंबे पौधे और फूल उगाए थे। तभी से उन्हें यह पता चल गया था कि आगे चलकर वह खेती किसानी में नाम रोशन करने वाले हैं, और एक रिकॉर्डर बनने वाले हैं। उन्हें उसी समय अपने ऊपर यकीन हो गया था।
इसके बाद 2000 सन में उन्होंने नेशनल अवार्ड के लिए आवेदन किया और 2016 में सब्जी के लिए उन्होंने रिकॉर्ड बनाया। लिम्का बुक में 16 अवार्ड बना चुके हैं और 219 अवार्ड कम्पटीशन के उन्हें यूनिवर्सिटी से मिल चुके है। वह अन्य किसानों की भी खेती में मदद करते हैं, और मुफ्त में बीज भी देते हैं। जिससे अन्य लोग भी खेती की तरफ आकर्षित हो सके, और इसी तरह अपना नाम बना सके, किचन गार्डनिंग करके सेहतमंद रह सके।

फ्री में किचन गार्डनिंग
अगर आप फ्री की खेती करना चाहते हैं तो किसान रणधीर सिंह से सीख सकते है। आपको बता दे कि वह 1992 से जैविक खेती कर रहे हैं। जैविक खेती में वह बगीचे की पत्तियों का इस्तेमाल करके खाद बनाते हैं। जिससे खाद का खर्चा एकदम खत्म हो जाता है। इसके अलावा आपके पास अगर जमीन है, पानी की सुविधा है, तो फिर आसानी से किचन गार्डनिंग कर सकते हैं।
इस खाद से मिट्टी उपजाऊ होती है, और उत्पादन अधिक मिलता है। साथ ही खरपतवार की समस्या भी कम हो जाती है। वही किचन गार्डनिंग के लिए किसानों को 50% सब्सिडी सरकार से मिल रही है। जिससे एकदम लागत कम हो जाती है।