पशुओं पर मंडराया लंगड़ा बुखार का खतरा, 1.25 लाख की भैंस पल-भर में हुई धरासाई, जानिये लंगड़ा बुखार क्या है और कैसे फ़ैल रहा है। जिससे पशु पालको को हो सकता है भारी नुकसान।
पशुओं पर मंडराया लंगड़ा बुखार का खतरा
गर्मी में सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि पशु भी परेशान है। गाय-भैंस में भी कई तरह की बीमारियां फैल रही है जिससे उनकी जान तक में बन आई है। जिसमें पशुपालकों को लाखों का नुकसान हो रहा है। जी हां आपको बता दे की लखनऊ के एक पशुपालक रवी यादव जी की भैंस की जान लंगड़ा बुखार के कारण चली गई। जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी भैंस को 114 डिग्री का बुखार आया था।
इसके बाद उन्होंने डॉक्टर से भी संपर्क किया। लेकिन कुछ भी फायदा नहीं हुआ और चंद घंटे के भीतर उनकी 1.25 लाख की भैंस धरासाई हो गई। जिसे उन्होंने कुछ समय पहले ही खरीदी थी। इस तरह लंगड़ा बुखार से पशु पालकों को तगड़ा नुकसान हो रहा है। चलिए जानते हैं यह बुखार कैसे पशुओं में फैल रहा है।
लंगड़ा बुखार कैसे फैलता है
पशुपालकों के लिए पशुओं की सेहत बहुत ही ज्यादा मायने रखती है। जिसमें अगर पशु पालकों को पता चलता है कि किसी तरह की कोई बीमारी फैली है तो वह सबसे पहले अपने पशुओं को उससे बचाने के बारे में सोचते हैं, तो आपको बता दे की पशुओं पर मंडराया लंगड़ा बुखार का खतरा, जिसमें हाल ही में एक भैंस की जान चली गई है। यह बुखार गाय, भैंस के साथ और भी पशुओं में फैल सकता है।
यह बुखार गंदे स्थान में गंदा चारा खाने से भी पशुओं में फैल रहा है। इसके अलावा अगर पशु में किसी तरह का घाव है तो उससे संक्रमण के जरिए भी यह फैल जाता है। जिसमें बताया जा रहा है की मिट्टी से हो करके क्लोस्टरीडियम चौवई नाम का जीवाणु पशुओं को बीमार कर रहा है। जिससे गाय, भैंस जैसे कई दुधारू पशुओं को नुकसान हो रहा है। यह बुखार जानलेवा होती है चलिए जानते हैं इस बुखार से पशुओं को बचाने के लिए क्या करना चाहिए।
ऐसे बचाएं पशुओं की जान
पशु को किसी भी तरह की बीमारी से बचाने के लिए सबसे पहले तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। लेकिन अगर बहुत ज्यादा गर्मी में आपके पशु ज्यादा सुस्त दिख रहे हैं और तापमान बहुत ज्यादा बढ़ रहा है तो दिन में दो बार पशु को नहलाएं, तालाब हो तो वहा छोड़े, धूप में बाहर न छोड़े, किसी तरह का लक्षण नजर आने पर, ढाई सौ ग्राम चीनी के साथ 18-30 ग्राम नमक और एक बाल्टी पानी मिलाकर पशु को पिलाये। इसके अलावा पशुओं को लोबिया घास भी दे सकते हैं।
लोबिया घास का इस्तेमाल पशुओं के दूध की मात्रा को बढ़ाने में भी किया जाता है। क्योंकि यह फाइबर, प्रोटीन के साथ कई औषधीय गुणों से भरा हुआ होता है। इसके अलावा आपको साफ सफाई का भी ध्यान रखना होगा। आप गंदे चारागाह में पशुओं को ना बांधे। इससे बीमारी और तेजी से फैलती है। इस तरह आप पशुओं का अगर ध्यान रखते हैं तो किसी तरह की बीमारी नहीं फैलती है।