जनवरी के महीने में इन फलों की अगेती खेती से किसान बहुत तगड़ा मुनाफा कमा सकते है इनकी डिमांड बाजार में खूब होती है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है कौन से फलों की खेती है।
जनवरी के महीने में करें ये 2 फलों की खेती
इन फलों की खेती बहुत लाभकारी साबित होती है क्योकि ये साल में सिर्फ गर्मियों के दिनों में ही बाजार में मिलते है जनवरी के महीने में इनकी अगेती खेती करना कई किसानों के लिए एक बेहतरीन अवसर साबित हो सकता है। इनकी खेती से न केवल शानदार उत्पादन मिलता है बल्कि इन 2 फलों की बाजार में डिमांड भी बहुत ज्यादा अधिक मात्रा में रहती है। लोग इनका सेवन करना बहुत ज्यादा पसंद करते है। सर्दियों के मौसम में उगाए जाने वाले इन 2 फलों की कीमत भी मार्केट में अच्छी मिलती है। तो चलिए जानते है कौन से फलों की खेती है।
शुगर बेबी तरबूज़ की खेती
जनवरी के महीने में आप शुगर बेबी तरबूज़ की अगेती खेती कर सकते है। इसकी फसल बेहद कम दिनों में तैयार हो जाती है और बहुत जबरदस्त मुनाफा कराती है। शुगर बेबी तरबूज़, तरबूज़ की एक लोकप्रिय किस्म है ये मीठा और रसीला होता है और छोटे आकार का होता है शुगर बेबी तरबूज़ को उगाना आसान है। शुगर बेबी तरबूज़ की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है मिट्टी का पीएच 6.0 से 6.8 के बीच होना चाहिए। इसकी बुवाई के लिए इस किस्म के बीजों का ही चुनाव करना चाहिए। इसकी खेती में जैविक खाद का उपयोग करना चाहिए। बुवाई के बाद इसकी फसल करीब 70 से 80 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसकी खेती से आप लाखों रूपए की कमाई कर सकते है।
अंगूर की खेती
जनवरी के महीने में आप अंगूर की खेती कर सकते है अंगूर की खेती के लिए जनवरी का समय सबसे सही होता है। अंगूर की खेती के लिए मिट्टी, जलवायु, और पौधों की देखभाल का खास ध्यान रखना होता है। अंगूर की बेल को कटिंग या बीज से उगाया जा सकता है इसके पौधे पहले नर्सरी में तैयार किये जाते है फिर खेत में रोपाई की जाती है। अंगूर की खेती के लिए रेतीली और दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है अंगूर की खेती में एक एकड़ में करने से करीब 20 से 50 टन की पैदावार मिल सकती है आप इसकी खेती से 6 से 7 लाख की सालाना कमाई कर सकते है।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।