गेहूं की बुआई और पहली सिंचाई लगभग सभी किसानों ने कर चुकी है गेहूं की खेती में सिंचाई और खाद के अलावा भी एक बहुत महत्वपूर्ण काम होता है जो पैदावार को बढ़ाने में बहुत लाभकारी साबित होता है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है की कौन सा काम है।
गेहूं की बुआई के 1 महीने बाद करें ये काम
गेहूं की खेती किसानों के लिए बहुत लाभकारी मानी जाती है। गेहूं की बुआई का समय अक्टूबर के आखिरी हफ़्ते से लेकर नवंबर के तीसरे हफ़्ते तक होता है लगभग गेहूं की खेती करने वाले सभी किसानों ने इस सही समय में गेहूं की बुआई कर चुकी है गेहूं की बुआई के 20-25 दिनों के बाद पहली सिंचाई भी हो जाती है। सिंचाई के साथ ही खाद का छिड़काव भी किया जाता है। खाद पानी देने के अलावा भी गेहूं की खेती में एक जरुरी काम होता है जिसको 1 महीने बाद जरूर करना चाहिए। जिससे गेहूं की फसल में पोषक तत्वों की कमी नहीं होती है। हम बात कर रहे है खरपतवार की सफाई की खरपतवार तेजी से बढ़ते है जो गेहूं के पौधों को दबा देते है और पौधों में से पोषक तत्व लेते है जिससे उत्पादन में बहुत खराब असर पड़ता है।

खरपतवार की सफाई
गेहूं की फसल में खरपतवार की सफाई करना बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण काम होता है। क्योकि खरपतवार गेहूं की फसल को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता है। खरपतवार की सफाई के लिए खुरपी से निराई करनी चाहिए या खरपतवार रोधी दवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए। खरपतवारों पर दवा का छिड़काव बुआई के 1 महीने बाद करना चाहिए। गेहूं की फसल में से खरपतवार की सफाई हो जाने से गेहूं का उत्पादन दोगुना बढ़ जाता है।
गेहूं की खेती में खरपतवार का प्रभाव
गेहूं की खेती में खरपतवार का बहुत खराब असर पड़ता है। गेहूं की फ़सल में खरपतवारों की वजह से पैदावार में 25-35 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है खरपतवार गेहूं के साथ पोषक तत्वों, पानी, और प्रकाश के लिए प्रतिस्पर्धा करते है इसके अलावा खरपतवार गेहूं की बालियों और कल्लों की वृद्धि में भी बाधा डालते है। खरपतवार का समय-समय पर नियंत्रण करना बहुत जरुरी होता है। गेहूं की फसल में खरपतवार को हटाने का खास ध्यान रखना चाहिए।