किसान ने मेहनत और लगन से कर दिखाया कमाल। आज हम आपको ऐसे किसान के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने मेहनत की बदौलत खेती की तस्वीर ही बदल दी। इस किसान ने ऐसा कमाल कर दिखाया है जो अच्छे-अच्छे के बस की बात नहीं है। इस किसान ने पथरीली जमीन पर खेती करके आज करोड़ों रुपए का मुनाफा कमाया है। आज के समय में पारंपरिक खेती करने वाले सभी किसानों को बड़ी मुश्किलों और घाटे का सामना करना पड़ता है।
लेकिन वहीं कई किसान ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग और उन्नत बीज तकनीकियों का इस्तेमाल करके कम लागत में तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं। आइए इस किसान की सफलता के बारे में विस्तार से जानते हैं।
किसान कैलाश पवार
हम जिस किसान के बारे में बात कर रहे हैं वह एमपी के छिंदवाड़ा जिले के रहने वाले हैं। इस किसान का नाम कैलाश पवार है। अच्छी तकनीकी और कम लागत में तगड़ी कमाई करने वाले यह किसान इस बात का जीता जागता सबूत है की मेहनत की जाए तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है। किसान कैलाश पवार ने सरकार की सहायता और तकनीकी के सहारे न केवल पथरीली जमीन को उपजाऊ बनाया बल्कि करोड़ों रुपए की कमाई भी कर ली है।
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किसान कैलाश पवार पहले अपनी लगभग 16.99 हेक्टेयर जमीन पर पारंपरिक खेती किया करते थे जिसमें उन्हें उत्पादन तो कम होता ही था इसके साथ ही लागत बहुत ज्यादा लगती थी। जिसकी वजह से वह परेशान हो चुके थे। इसके बाद उन्हें एमपी कृषि विभाग के अधिकारियों से आत्मा परियोजना के तहत प्रशिक्षण के दौरान उन्हें अपनी समस्या का समाधान मिल गया। किसान को अधिकारियों ने इनोवेशन और आधुनिक तकनीकियों का इस्तेमाल करते हुए खेती करने की बात कही। आज वह इस राय को अपना करके करोड़ों की कमाई कर रहे हैं।
तकनीकी को बनाया सहारा
किसान कैलाश पवार ने अधिकारियों की दी हुई राय के बाद में ड्रिप सिंचाई और मल्चिंग तकनीकी का इस्तेमाल करते हुए स्ट्रॉबेरी, टमाटर, शिमला मिर्च और बैंगन जैसी फसलों की खेती करना शुरू कर दिया। वही आज भी कृषि विभाग के अधिकारी समय-समय पर जाकर उनके खेत का निरीक्षण करते हैं और उनका मार्गदर्शन देते हैं। जिसकी वजह से यह खेती में तकनीकी की मदद से जोखिम मुक्त और ज्यादा मुनाफे वाली खेती करते हैं।
70 दिनों में करोड़ों की कमाई
किसान कैलाश पवार ने अपनी लगभग 5 से 6 एकड़ जमीन पर स्ट्रॉबेरी की खेती की हुई है। इन्होंने इतनी जमीन में लगभग 130000 स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाए हुए हैं। इसकी तुड़ाई लगभग मार्च के आखिरी तक की जाती है। इस स्ट्रॉबेरी को जबलपुर, नागपुर, इंदौर और भोपाल जैसे बड़े-बड़े शहरों में भेजा जाता है।
इनके पास पथरीली जमीन है जिसका टर्नओवर 80 लाख रुपए था। जिसमें से उनको 30 लाख रुपए मुनाफा हुआ करता था। लेकिन अब स्ट्रॉबेरी और सब्जियां की खेती करके वह दो से 2.5 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। जिसमें से इनको एक करोड़ रुपए का सीधा फायदा हो रहा है। इस प्रकार इन्होंने सरकार की मदद और मार्गदर्शन से अपने जीवन बदल लिया है। आज खेती से करोड़ों रुपए की कमाई कर रहे हैं।
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