बिना मेहनत के करना है खेती ? तो इन कृषि यंत्रों का करें इस्तेमाल, कम समय में होंगे काम, बढ़ेगी पैदावार, जाने खेती के औजार

सही समय पर खेती के काम पूरा करके अधिक उत्पादन लेकर किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं तो चलिए जानते हैं किन कृषि यंत्र का इस्तेमाल करके किसान खेती के काम आसान कर सकते हैं, खेती के औजार क्या-क्या है।

बढ़ेगी पैदावार खेती के काम होंगे आसान

हमारे देश की अधिकांश जनसंख्या आज भी खेती पर आश्रित है। खेती करके किसान जीवन यापन करते हैं। लेकिन अब खेती के तरीके बदल गए हैं। कई आधुनिक कृषि यंत्र आ गए हैं जो की हाथों से भी चलते हैं और छोटे किसानों के लिए यह लाभकारी है। इससे काम आसान और सही समय पर हो जाता है। जिससे अधिक उत्पादन में मिलती है और अनाज की क्वालिटी भी बेहतर होती है, खर्चा भी कम आता है मजदूर की जरूरत नहीं पड़ती है। तो चलिए कुछ बिंदुओं के अनुसार आधुनिक कृषि यंत्र, हाथ से चलने वाले कृषि यंत्र, और छोटे किसानों के कृषि यंत्रों के बारे में जानते हैं।

आधुनिक कृषि यंत्र (खेती के औजार)

आधुनिक कृषि यंत्र वह किसी यंत्र है जिससे खेतों के काम किसान बिना किसी मेहनत और समय की बचत के साथ कर सकते हैं। जैसे की पावर वीडर, मिनी टिलर, टिलर के साथ फसल कटर आदि उपकरण है जो की आधुनिक कृषि यंत्र में आते हैं।

पावर वीडर

खेत जोतने के लिए किसान सिर्फ ट्रैक्टर का ही इस्तेमाल नहीं कर सकते बल्कि और भी कई यंत्र है जो की खेत जोतने में काम आते हैं और उनकी कीमत ट्रैक्टर से कम होती है, मेहनत भी कम आती है तो ट्रैक्टर की बजाय किसान पावर वीडर का इस्तेमाल कर सकते हैं इससे भी खेत की गहरी जुताई होती है। मिट्टी पलट जाती है। मिट्टी ढीली हो जाती है। निराई गुड़ाई के लिए भी यह यंत्र कमाल का है।

वह किसान जो कि पेड़ लगाते हैं, बागवानी करते हैं, अनाज-सब्जियों आदि की खेती करते हैं उनके लिए यह कृषि यंत्र बड़े काम का है। पावर वीडर का इस्तेमाल करके किसान समय की बचत कर सकते हैं और मजदूरों की लागत भी नहीं आती। पावर फीडर उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है।

मिनी पावर टिलर

मिनी पावर टिलर भी एक अद्भुत यंत्र है। इसका इस्तेमाल भी निराई-गुड़ाई और खेत जोतने के लिए किया जाता है। अगर किसान के पास छोटे खेत है वहां पर वह ट्रैक्टर जैसे बड़े कृषि यंत्र को नहीं ले जा सकते हैं तो मिनी पावर टिलर का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह हर छोटे खेत में जाकर बड़े आसानी से जुताई कर सकता है। इससे भी श्रम और समय की बचत होती है। उत्पादन बढ़ता है।

इसका इस्तेमाल हर तरह के खेत में किसान कर सकते हैं। मिट्टी काली हो, लाल हो, या पीली हो हर तरह की मिट्टी में यह काम कर सकता है। यह मशीन हल्की है, दमदार है, इसे कुछ किसान मिनी ट्रैक्टर के नाम से भी जानते हैं। जबकि यह एक मिनी पावर टिलर है। वह किसान जो सब्जी की खेती करते हैं, वह दो पंक्तियों के बीच की निराई-गुड़ाई इस मशीन से कर सकते हैं। इससे खेत तैयार करने का काम भी किया जाता है।

टिलर के साथ फसल कटर

खेत की जुताई-बुवाई के अलावा फसल की कटाई-छटाई भी किसान को करना पड़ता है। जिसके लिए इस कृषि यंत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह कृषि यंत्र कटाई-छटाई के साथ-साथ जुताई और निराई-गुड़ाई भी करता है। जिसके लिए टिलर में अटैचमेंट और ब्रश कटर अटैचमेंट का इस्तेमाल किया जाता है। इससे भी किसान कम समय में, अधिक काम कर सकते हैं और ज्यादा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

रोटावेटर

रोटावेटर किसानों के लिए बड़े काम का यंत्र है। इसी लिए यहाँ पर हम इसकी बात कर रहे है। इस यंत्र से खेत की जुताई करने पर किसानों को कई फायदे होते है। इससे खेत की जुताई करने पर खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाती है साथ ही समतल भी हो जाती है, जिससे किसानों को दोबारा पाटा नहीं लगाना पड़ता, खेत समतल नहीं करना पड़ता। यानी किसान किसान भाइयों के पैसे और समय दोनों की बचत होती रही है।

इसके इस्तेमाल से खेत जुताई के साथ ही खेत में बचे हुए फसल के अवशेष एवं खरपतवार को मिट्टी में दब जाते है। जिससे मिट्टी भी उपजाऊ होती है। पराली जलाना नहीं पड़ता है। पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषण होता है।

राउंड बेलदार

राउंड बेलदार भी कमाल का कृषि यंत्र है। इससे फसलों के अवशेष एकत्रित कर सकते है। आंधी के कारण वह फसल जो गिर जाती है उन्हें भी इकट्ठा कर सकते है। इसे किसान ट्रैक्टर की मदद से चला सकते है। वह किसान जो धान, गेहूं, गन्ने अदि की खेती करते है उनके काम आ सकता है। इससे फसल के अवशेष को इकट्ठा करके बंडल बना सकते हैं। इस तरह मजदूर का खर्चा नहीं आएगा। लागत घट जायेगी। काम भी अच्छे से होगा।

यह कई कंपनियों की अलग-अलग क्षमता के अनुसार मिलता है। जिसमें औसतन यह तीन से चार इंच की गहरी जुताई कर सकता है। इसका इस्तेमाल छटाई, झाड़ी काटने आदि के लिए भी कर सकते हैं। इस तरह आप देख सकते हैं आधुनिक कृषि यंत्र कमाल के हैं। यह किसानों के जीवन को सुलभ और समृद्ध बनाने में मदद करते हैं। अधिक खर्च नहीं करना चाहते तो कम खर्चे में भी खेती के काम को किसान आसान कर सकते हैं, इन आधुनिक कृषि यंत्रों की मदद से।

हस्त चलित खेती के औजार

कई ऐसे कृषि यंत्र हैं जिनका इस्तेमाल आप हाथों से कर सकते हैं। इससे खेती के छोटे-मोटे काम पूरे कर सकते हैं। जिनमें से कुछ यंत्रों के बारे में यहां पर जानकारी लीजिए-

गार्डन रेक

गार्डन रेक भी हाथों से चलने वाला एक बढ़िया कृषि यंत्र है। इससे खरपतवार और अन्य अवांछित पौधे अपने बगीचे से और खेत से हटा सकते हैं। यह लकड़ी या किसी धातु से एक लंबा मजबूत हत्थे के साथ बना कृषि यंत्र है। जिसमें नीचे धातु के नौकेदार दांतों के लैंडस्केप पंक्ति में बने होते हैं। जिससे ज्यादा क्षेत्र में फैली खरपतवार को कम समय में निकाला जा सकता है। इससे हाथों की मदद से मिट्टी की हल्की निराई-गुड़ाई की जा सकती है, घास निकाला जा सकता है।

हैंड कल्टीवेटर

हैंड कल्टीवेटर एक छोटा सा कृषि यंत्र है। जिसे हाथों की मदद से चलाया जाता है। इसमें तीन स्टील के घुमावदार लेकर दांत होते हैं और मजबूत हैंडल के साथ इन्हें अटैच किया जाता है। इससे छोटे-मोटे खरपतवार हटा सकते है और मिट्टी की गुड़ाई की जा सकती है। अगर गमले में पौधे लगाना पसंद करते हैं तो यह टूल आपके काम आ सकता है। इसके अलावा पेड़ पौधों के नीचे हल्की गुड़ाई करने के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

हैंड ट्रावेल

वह खरपतवार जिनकी जड़े गहरी होती हैं, उन्हें इन हैंड ट्रावेल के मदद से निकाल सकते हैं। इनका इस्तेमाल हल्की मिट्टी की खुदाई और चढ़ाई के लिए भी कर सकते हैं। बगीचे में काम करने वाले लोगों के लिए यह काम का यंत्र है।

2 इन 1 हैंड वीडर

यह कृषि यंत्र आपको अमेजॉन जैसी ई-कॉमर्स साइट पर भी मिल जाएगा। इसे मैनुअल हैवी ड्यूटी 2 इन 1 हैंड वीडर/गार्डन होज़/मल्टी स्टार कल्टी-वीडर नाम से जाना जाता है। यह खरपतवार निकालने, मिट्टी की गहरी जुताई करने के भी काम आता है।

खुरपा/खुरपी

यह अलग-अलग आकार में मिल जाएंगे। लहसुन-प्याज आदि के बीच में गुड़ाई करने खरपतवार निकालने के काम में आती है। इसके आलावा गमलें में गुड़ाई करने, मिट्टी पलटने के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकते है। यह एक पुराना कृषि यंत्र है।

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छोटे किसानों के कृषि यंत्र (खेती के औजार)

इस लेख में अभी तक हमने जितने कृषि यंत्रों की चर्चा की है उन सभी का इस्तेमाल छोटे किसान कर सकते हैं। इसके अलावा प्रमुख रूप से जुताई के लिए जिस किसी यंत्र का इस्तेमाल छोटे किसान कर सकते हैं चलिए उसके बारे में जानते हैं-

टिलर

खेत की जुताई के लिए अक्सर किसान ट्रैक्टर का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन सभी किसान ट्रैक्टर नहीं खरीद सकते हैं। हां सरकार ट्रैक्टर पर बढ़िया सब्सिडी दे रही है लेकिन फिर भी इसका खर्चा सभी किसान नहीं उठा सकते। तब इसके जगह पर छोटे किसान टिलर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे वह खेत की जुताई कर सकते हैं। बागवानी और अन्य सब्जियों, गन्ने आदि की खेती करने वाले किसानों के लिए यह कमाल का कृषि यंत्र है। इसे कम डीजल खपत में चला सकते हैं। लागत कम आएगी।

इसे किसान हाथों की मदद से चला सकते हैं। इसे स्टार्ट एक बैटरी की मदद से किया जाता है जो कि उसमें लगी रहती है। इसकी कीमत की बात करें तो 45000 से लेकर 2.5 लाख रुपए तक में है। सब्सिडी के बाद इसे और भी कम दामों में किसान खरीद सकते हैं। टिलर 6 हॉर्स पावर से लेकर 10 हॉर्स पावर तक में मिल जाते हैं। टिलर के रेट भी विभिन्न कंपनियों और उनकी क्षमता के आधार पर अलग होते है। टिलर की मदद से अगर किसान खेत की जुताई करते हैं तो एक एकड़ जोतना में 2 घंटे का समय लगता है।

टिलर की सहायता से किसान रोटावेटर और कल्टीवेटर जोड़कर भी बुवाई कर सकते हैं। टिलर पर मिलने वाली सब्सिडी की बात करें तो ₹15000 से 75000 तक की सब्सिडी इस पर किसानों को मिल रही है। तो अगर छोटे किसान टिलर खरीदना चाहते हैं तो उन्हें सरकार की तरफ से भी बंपर सब्सिडी मिल रही है। जिसके बाद इसकी कीमत और कम हो जाएगी और आसानी से खेती के काम भी कर सकते हैं। यह एक आधुनिक कृषि यंत्र है जो कि छोटे किसानों के लिए बहुत ही लाभदायक है।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद 

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