इस सब्जी की पछेती खेती का है सही समय, मंडी में मिलेगी तगड़ी कीमत, कम खर्चे में हो जाएंगे लखपति

अगर आप कम खर्चे में ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल लगाना चाहते हैं तो चलिए जानते हैं दिसंबर में किस फसल की पछेती खेती कर सकते हैं।

इस सब्जी की पछेती खेती का समय

किसी भी सब्जी की अगेती खेती में ज्यादा कीमत मिलती है। लेकिन पछेती खेती में भी किसानों को कम मुनाफा नहीं होता है। इसमें भी फायदा होता है। हां अगेती खेती से कम होता है लेकिन होता है। जिसमें हम बात कर रहे हैं फूल गोभी की। दिसंबर में फूल गोभी की पछेती खेती कर सकते हैं, लागत कम आएगी। जी हां इस समय खेती करेंगे तो खर्चा कम आएगा। क्योंकि कीटनाशक और प्लास्टिक मल्च नहीं लगाना पड़ेगा। जिससे हजारों रुपए की बचत होगी। तो चलिए आपको बताते हैं कि फूलगोभी की बढ़िया वैरायटी कौन सी है।

फूल गोभी की खेती

  • दिसंबर मध्य और अंतिम सप्ताह तक फूलगोभी की पछेती खेती कर सकते हैं।
  • रोपाई के लिए बढ़िया से दो-तीन बार खेत की जुताई करें खेत को समतल बनाकर लगे।
  • 3 फीट की दूरी में बेड बनाकर इसकी खेती कर सकते हैं।
  • फूल गोभी की खेती आप किसी भी तरह से रोपाई करके कर सकते हैं। चाहे तो बेड बनाकर या सामान्य विधि से या फिर क्यारी में भी खेती कर सकते हैं।
  • खाद की बात करें तो गोबर की सड़ी पुरानी खाद डालें, फूल की क्वालिटी अच्छी होगी। जिससे कीमत भी ज्यादा मिलेगी। अगर केमिकल वाली खाद भी देना चाहते हैं तो मिट्टी की आवश्यकता के अनुसार खाद दें।

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फूल गोभी की बेहतरीन वैरायटी

फूल गोभी की कई बढ़िया वैरायटी आती है जिससे ज्यादा उत्पादन मिलता है। लेकिन किसानों को अपनी मंडी को भी ध्यान रखना चाहिए कि उनकी मंडी में किस वैरायटी की ज्यादा कीमत मिलती है। इसके अलावा हम बात करें तो कृषि विशेषज्ञ का कहना है कि सेमीनस की 60 21 बढ़िया होती है। इसकी नर्सरी 10 दिसंबर तक लगा लेनी चाहिए। इसके अलावा पछेती खेती का समय है तो पछेती हाइब्रिड वैरायटी का किसानों को चयन करना चाहिए। सीजन का जरूर ध्यान रखना चाहिए। जो सीजन है उस वैरायटी को लगाना चाहिए।

पछेती फूल गोभी की कीमत

पछेती फूल गोभी की खेती में भी किसानों को फायदा है। इस समय अच्छा उत्पादन उन्हें मिलेगा। 1 किलो का फूल पछेती गोभी से भी मिल जाता है और मंडी की कीमत की बात करें तो अनुमान है कि 20 से 30 रुपए के बीच में कीमत मिल सकती है। लेकिन लागत कम आती है। जिसकी वजह से फायदा है। 15 से ₹20000 तो प्लास्टिक मल्च का ही खर्चा बच जाता है। इसके आलावा कीटनाशक का जो स्प्रे करना पड़ता है उसकी भी बचत होती है।

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