आलू की फसल में NPK का करें सही मात्रा में इस्तेमाल तभी मिलेगा बम्पर उत्पादन। आइए जाने कितनी मात्रा में करना है उर्वरको का इस्तेमाल।
आलू की फसल
हर कोई चाहता है कि उनकी फसल अच्छा उत्पादन और अच्छा मुनाफा दे। जिसके लिए लोग इसके बेहतर पोषण के लिए कई उर्वरकों का इस्तेमाल भी करते हैं। आलू एक ऐसी फसल है जिससे कम दिनों में अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है। आलू की फसल को जरूरी पोषण प्रदान करने के लिए कब और कितनी मात्रा में उर्वरक देना होता है इस बात का ज्ञान किसानों को होना बहुत जरूरी है। आलू का साइज बढ़ाने और करो का सही तरह से उपयोग करने और किसानों को सिंचाई पर खास ध्यान देना होता है।
आलू की एक ऐसी फसल है जो एक हेक्टेयर में लगभग 25 से 30 तन का उत्पादन दे देती है। आलू के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किसानों को संतुलित मात्रा में खाद देना चाहिए इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए। आइए अब हम आपको बताते हैं कि आपको किस प्रकार से आलू की खेती से अच्छा उत्पादन प्राप्त होगा।
NPK का करें सही मात्रा में इस्तेमाल
आलू की फसल एक ऐसी फसल है जो कम समय में किसानों को अच्छा उत्पादन देती है। इसके लिए आपको कुछ खास बातों पर ध्यान देना होता है। आलू की फसल को नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश के साथ जिंक की भी जरूरत पड़ती है। अब इसको सही मात्रा में इस पौधे तक पहुंचाना आपका काम है।
आपको बता दे आलू की एक हेक्टेयर की फसल में आपको 120 से 150 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस और 150 ग्राम पोटाश की जरूरत पड़ती है। इसके साथ ही अगर तराई क्षेत्र में आलू उगते हैं तो इसको जिंक सल्फेट की जरूरत पड़ती है। अब ऐसे में आप 30 से 40 किलोग्राम मोनो हाइटट्रेड जिंक का उपयोग कर सकते हैं। प्रकार आपको सभी पोषक तत्वों को सही मात्रा में पौधे को देना है।
सही मात्रा में नाइट्रोजन का करें इस्तेमाल
आलू के पौधों को सही मात्रा में उर्वरक मिलना बहुत जरूरी होता है। इसके लिए आपको फास्फोरस पोटाश की पूरी मात्रा और नाइट्रोजन की आधी मात्रा मतलब 60 से 75 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के मुताबिक बुवाई के समय बेसल डोज में देना जरूरी होता है। इसके साथ ही आपको बची हुई नाइट्रोजन को ज्यादा मात्रा और जिंक सल्फेट कुड चढ़ाते समय पौधे को दे देना चाहिए।
ऐसा इसलिए क्योंकि यह फसल 40 से 70 दिनों में उर्वरक तेजी के साथ ग्रहण कर पाती है। लेकिन आपको इसके अलावा भी कुछ बातों पर ध्यान देना होगा कि नाइट्रोजन कभी भी दोपहर के समय में ना दे ऐसा करने के लिए शाम का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। सही मात्रा में नाइट्रोजन का इस्तेमाल फसल के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा।
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