गेहूं की फसल को दीमक से बहुत ज्यादा नुकसान होता है तो चलिए आपको बताते हैं कि दीमक से छुटकारा कैसे पाएं।
गेहूं की खेती में दीमक का प्रकोप
गेहूं की खेती करने वाले किसानों को दीमक की वजह से नुकसान उठाना पड़ता है। गेहूं की फसल में दीमक का अधिक प्रकोप देखने को मिलता है। हमारे देश में कई ऐसे किसान है जो गेहूं की खेती कर रहे हैं और उन्हें दीमक की समस्या आ रही है। इसीलिए आज हम आपको इसकी जानकारी देने जा रहे हैं कि किन खेतों में दीमक की समस्या अधिक आती है, इसका प्रबंधन कैसे किसान करें। जिसमें आपको फ्री का सस्ता सरल और दवाई वाला उपाय भी बताएंगे। आप यह उपाय आजमा सकते हैं।
अगर आपको जैविक तरीके से दीमक से छुटकारा मिल जाता है तो बहुत अच्छी बात है। लेकिन अगर नहीं मिल रहा है तो दवाई भी डाल सकते हैं तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि कहां पर दीमक की समस्या अधिक आती है और इसके लक्षण क्या है।
इन खेतों में दीमक अधिक लगते हैं
फसल से अच्छी उपज लेने के लिए किसानों को अपने खेत का निरीक्षण करते रहना चाहिए। दीमक देखने के लिए भी किसानों को गौर से फसल को मिट्टी को देखना पड़ेगा। जिन किसानों ने बलुई दोमट मिट्टी में खेती की है उन्हें तो बहुत ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। क्योंकि बलुई दोमट मिट्टी जो की सूखी ज्यादा रहती है इसमें दीमक बहुत लगते हैं। आपको बता दे की दीमक बीज ही खा जाते हैं, फसल की जड़ को भी कुतर डालते हैं। जिससे नुकसान होता है।
दीमक धीरे-धीरे बढ़ते ही जाते हैं, पूरा अपना मोहल्ला खेतों में बसा लेते हैं। यह बहुत ही छोटे आकार के पीले और सफेद रंग के कीड़े होते हैं, जिनमें पंख नहीं होते हैं। दीमक गेहूं की उपज को कम कर सकते हैं। क्योंकि जब यह बीज और जड़ ही खा जाएंगे तो फसल अच्छी कहां से होगी तो चलिए दीमक हटाने के उपाय जानते हैं।
खेतों से दीमक हटाने के उपाय
नीचे लिखे तीन बिंदुओं के अनुसार दीमक हटाने के दो उपाय जाने।
- सबसे पहले हम यहां मुफ्त का उपाय जान लेते हैं तो वह किसान जो खेती किसानी के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं उनके लिए यह उपाय आसान होगा। इसके लिए गोबर खेत में डालना है। हां किसान अगर खेतों में गोबर के साथ बचे हुए अवशेष भी फसलों के डाल देंगे तो अच्छी खाद भी बन जाएगी दीमक भी खत्म हो जाएंगे। लेकिन इनके साथ एक और चीज डालनी चलिए उसके बारें में जानें।
- गोबर और फसल अवशेष डालने के साथ-साथ किसान 10 क्विंटल नीम की खली अगर खेत में मिला देते हैं तो भी इसे दीमक की समस्या नहीं आएगी। यह बुवाई से पहले ही करना है। इससे दीमक लगेगी ही नहीं। क्योंकि नीम की खली फंगस कीट की समस्या को दूर करती है।
- लेकिन अगर आपकी खड़ी फसल है और उसमें दीमक की समस्या नजर आ रही है आपने पहले गोबर और नीम की खली का उपाय नहीं किया है तो क्लोरपाइरीफास 20% ईसी कीटनाशक का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सिंचाई के साथ 2.5 ली एक हेक्टेयर की जमीन में दी जाती है। इससे भी दीमक की समस्या खत्म होती है।
इस तरह यहाँ पर बुवाई से पहले गोबर, नीम खली, और फसल अवशेष डालना है। अगर यह नहीं किया है तो सिंचाई के साथ कीटनाशक का इस्तेमाल करके दीमक खत्म करें। जिससे पैदावार न घटे।