गेहूं की फसल में पीलापन आ रहा है नजर तो किसान भाई करे इन दवाइयां का छिड़काव, फसल के लिए होगा बेहतर
गेहूं की बुवाई
देशभर में लगभग सभी जगह पर गेहूं की बुवाई हो चुकी है। गेहूं की बुवाई के बाद में फसले निकलने आई है अब ऐसे में कई तरह के रोग फसलों पर जोर कर रहे हैं। जिसके लिए किसानों को इस पर ध्यान देना होगा। अगर आपकी फसल में पीलापन नजर आता है तो आपको दवाइयां का छिड़काव इस पर करना होगा। समय रहते दवाइयां का छिड़काव अगर आप कर देते हैं तो आपकी फसल जड़ माहू किट के प्रकोप से बच जाती है। आइए अब इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
जड़ माहू को कैसे पहचाने
जड़माहू को पहचानने के लिए आपको कुछ आसान बातों का ध्यान रखना होगा। जैसे की आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि यह जड़माहू कट गेहूं के निचले हिस्से में मतलब की जड़ों में चिपका हुआ होता है। यह गेहूं के पौधे का रस चूसता है जिससे कि पौधा लगातार कमजोर होता जाता है और इसके बाद यह सुख जाता है।
इतना ही नहीं आपको इस किट से प्रभावित पौधों को उखाड़ कर देखना होगा कि इस पर छोटे-छोटे हल्के से पीले रंग और भूरे रंग के या फिर काले रंग के छोटे-छोटे कट चिपके हुए मिलेंगे। इसका जल्द उपाय न किया जाए तो यह किट पूरी फसल को बर्बाद कर देते हैं। इस प्रकार आप जड़माहू की पहचान करके इसका खात्मा कर सकते हैं।
जड़ माहू पर इन दवाइयों का करें छिड़काव
फसल की बुवाई के बाद जब फसल उगने लगते हैं तो आपको उस समय में वहां पर आपको इमिडाक्लोरोप्रिड़ 17.8 एस.एल. की 80-100 मिली. मात्रा अथवा थायोमेथॉक्जॉम 25 % डब्लूपी की 80 ग्राम मात्रा अथवा एसिटामाप्रिड 20 % एस.पी. दवा की 60 ग्राम मात्रा प्रति एकड़, 150-200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
किसान भाई थायोमेथॉक्जॉम 30 % कीटनाशक की 250 मिली मात्रा को 50 किलो यूरिया खाद में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करना होगा। इस प्रकार में दवाइयां के छिड़काव से आपकी फसले सुरक्षित रहेगी।