बुंदेलखंड के करेला किंग, टाटा मोटर्स की नौकरी छोड़ करेले की खेती से बने मिसाल, जानिये कम जमीन से कैसे 4 लाख रु कमा रहे।
बुंदेलखंड के करेला किंग
आज हम आपके लिए फिर एक नए किसान की सफलता की कहानी लेकर आए हैं अन्य किसान के सफलता की कहानी सुनकर बाकी किसानों को भी उनसे प्रेरणा मिलती है। इसीलिए हम रोजाना आपके लिए सफल किसानों की जानकारी लेकर आते हैं। जिसमें आज हम बात करेंगे अपने बुंदेलखंड के किसान की यह चित्रकूट जिले के मऊ तहसील के रहने वाले है। इनका नाम इंद्र कुमार मौर्य है जो की खेती करके अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं। वह भी कम जमीन में।
आपको बता दे कि यह एक पढ़े लिखे किसान है। इन्होंने आईटीआई किया हुआ है और इन्हें टाटा मोटर्स में नौकरी भी मिली थी। लेकिन इन्हे खेती करना का मन हुआ और अब इन्हें खेती करते हुए तीन से चार साल हो गया है। इसीलिए यह अपने क्षेत्र में प्रसिद्ध हो गए हैं। जी हां आपको बता दें कि अपने क्षेत्र में यह करेला किंग के नाम से जाने जाते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि इंद्र कुमार जी कैसे खेती करते हैं और इन्हे कितनी कमाई इन्हें हो रही है।
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करेला के साथ इन फसलों की करते है खेती
इंद्र कुमार जी ऐसी जगह पर खेती करते हैं जहां पर पानी की समस्या रहती है। लेकिन इन्होंने इसका समाधान निकाल है। जी हां अगर किसान भाइयों को पानी की समस्या आती है तो वह इस स्प्रिंकलर से सिंचाई करें। ड्रिप से सिंचाई करने पर 50% से ज्यादा पानी की बचत होती है। कम पानी में भी अच्छी खेती की जा सकती है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि आवारा पशुओं का भी उनके क्षेत्र में प्रकोप रहता है। यानी कि कई तरह के समस्या है।
लेकिन फिर भी वह उनसे लड़ रहे हैं और खेती से पीछे नहीं हट रहे है और पूरी मेहनत करके अच्छी फसल प्राप्त कर रहे हैं। जिसमें वह करेला की खेती के साथ-साथ टमाटर और अन्य हरी सब्जियों की भी खेती करते हैं। जिसमें करेला की खेती मुख्य तौर पर करते हैं। करेला की बेल को सपोर्ट देने के लिए वह लकड़ी का डंडा लगाते हैं। बेल जमीन पर नहीं रहती। बल्कि ऊपर जाती है। जिससे उन्हें अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है।
कम जमीन से 4 लाख रु कमा रहे
कम जमीन में भी खेती से लाखों रुपए कमाए जाते हैं। शुरुआत में आपको बता दे की इंद्र कुमार पहले 2.5 लाख तक कमाई करते थे लेकिन आज ₹4 लाख रुपए तक कमा रहे हैं। जिसमें बताते हैं कि 6 बीघा की जमीन में वह खेती करते हैं। जिसमें आधी से ज्यादा जमीन में यानी कि 3.5 बीघा की जमीन में करेला की खेती करते हैं। इसके अलावा अन्य फसल जैसे कि टमाटर और दूसरी फसलों की एक खेती बाकी जगह पर वह करते हैं। इस तरह किसानों को भी इसी तरह अपने बाजार की डिमांड को ध्यान में रखते हुए नगदी फसलों की खेती करके देखना चाहिए क्योंकि इसमें भी फायदा है।