कृषि विभाग के द्वारा हाल के दिनों में सोयाबीन मूंगफली कुसुम और तिल की नई सात प्रकार की किस्म लॉन्च की गई है ऐसे में यदि आप भी सोयाबीन मूंगफली कुसुम और तिल की खेती करते हैं तो आप कृषि डिपार्टमेंट के द्वारा लॉन्च किए गए सात प्रकार के नई किस्में खरीद कर इसका इस्तेमाल अपने खेत में कर सकते हैं जिससे पैदावार में वृद्धि होगी। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इन सभी सात प्रकार के नए क्वालिटी के किस्में इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर नई दिल्ली के द्वारा अन्वेषण किया गया है यदि आप यह पूरी जानकारी चाहते हैं तो आर्टिकल पर बने रहें-
A. एनआरसी-149 (NRC-149)- सोयाबीन की नई किस्म जारी की गई है
इंडियन कौंसिल ऑफ़ एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के द्वारा सोयाबीन की नई किस्म एनआरसी-149 (NRC-149) लॉन्च किया गया है इस नई सोयाबीन किस्म को मध्य प्रदेश में स्थित इंडियन काउंसिल आफ एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर के द्वारा रिकमेंड कर दिया गया है और हम आपको बता दें कि या खरीफ ऋतु के लिए काफी अनुकूल है और जहां पर बरसात अधिक होती है वहां पर इसका उपयोग करेंगे तो सोयाबीन की पैदावार में वृद्धि अच्छी खासी आपको दिखाई पड़ेगी विशेष तौर पर भारत के दिल्ली बिहार उत्तराखंड हरियाणा पंजाब और उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों में इसकी खेती आप कर सकते हैं क्योंकि वहां का वातावरण इस नए किस्म के अनुकूल है।
विशेषताएं
- एनआरसी-149 की वृद्धि अवधि लगभग 127 दिन है।
- इस किस्म से किसान प्रति हेक्टेयर लगभग 24 क्विंटल उपज प्राप्त कर सकते हैं, जो इसे एक आकर्षक विकल्प बनाती है।
- एनआरसी-149 की विशेषता यह है कि यह विभिन्न कीटों, जैसे कि स्टेम फ्लाई और सफेद मक्खी, फसलों को बचाने का काम करता है
- यह किस्म बारिश पर निर्भर खेती के लिए उपयुक्त है और इसके उच्च उपज और रोग प्रतिरोधकता के कारण, यह किसानों को अधिक लाभ प्रदान कर सकती है।
गिरनार-6 (एनआरसीजीसीएस-637 मूंगफली के नए किस्म लॉन्च
भारतीय कृषि विभाग के द्वारा कृषि के क्षेत्र में नए-नए अन्वेषण कृषि संबंधित नई तकनीकी की खोज हमेशा की जाती है ऐसे में हम आपको बता दें कि मूंगफली के लिए कृषि विभाग के द्वारा नया गिरनार-6 (एनआरसीजीसीएस-637 लॉन्च कर दिया गया है जो एक बेहतर क्वालिटी मूंगफली किस्म है जिसका प्रयोग यदि आप अपने खेतों में करते हैं तो पैदावार में अच्छी खासी वृद्धि होगी और आप लोगों को मालूम है कि मूंगफली की खेती से किसानों को बहुत ज्यादा फायदा होता हैं।
विशेषताएं
- गिरनार-6 की वृद्धि अवधि लगभग 123 दिन हैं।
- इस किस्म से किसानों को 30.30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की उपज मिल सकती हैं।
गिरनार-6 में 51% का उच्च तेल प्रतिशत है, जिससे यह उच्च गुणवत्ता वाले तेल के उत्पादन के लिए उपयुक्त हहै।
यह किस्म कई प्रकार की बीमारियों के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है, जिससे फसल की सुरक्षा में मदद मिलती है।
तंजिला- सीयूएमएस-09ए तिल की नई किस्मे-
तंजिला (CUMS-09A) तिल की एक नई किस्म है, जिसे हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा लॉन्च किया गया है। इस किस्म की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- तंजिला किस्म की वृद्धि अवधि केवल 91 दिन है, जिससे यह जल्दी पकने वाली किस्मों में शामिल होती है।
- इस किस्म की उपज 963 से 1147.7 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है जो किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है
- तंजिला किस्म में 46.17% का उच्च तेल प्रतिशत होता है, ऐसे में आप इसके माध्यम से अधिक तेल उत्पादन कर सकते हैं
- यह किस्म गर्मियों में प्रारंभिक या देर से बोई जाने वाली खेती के लिए उपयुक्त है, जिससे किसान अपने मौसम के अनुसार इसे खेतों में बो सकते हैं
Aआईएसएफ-123-एसइएल-15 (ISF-123-sel-15)- कुसुम की नई किस्मे-
आईएसएफ-123-एसइएल-15 (ISF-123-sel-15) कुसुम की एक नई किस्म है, जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, और तेलंगाना जैसे राज्यों में के लिए बिल्कुल उपयुक्त है क्योंकि यहां पर वर्ष की प्राप्त मात्रा उपलब्ध होती है
विशेषताएँ:
- इस किस्म की वृद्धि अवधि लगभग 127 दिन है।
- आईएसएफ-123-सल-15 किस्म से किसानों को प्रति हेक्टेयर लगभग 16.31 क्विंटल उपज प्राप्त हो सकती है, जो किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा
- इसमें 34.3% का तेल प्रतिशत होता है, जो इसे तेल उत्पादन के लिए बेहतर ऑप्शन है
- यह किस्म फ्यूज़ेरियम विल्ट जैसे रोगों के प्रति प्रतिरोधी है, जिसे आपका फसल बर्बाद नहीं होगा
B. आईएसएफ-300 (ISF-30 कुसुम की नई किस्मे-
आईएसएफ-300 (ISF-300) कुसुम की एक नई किस्म है, जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म विशेष रूप से वर्षा और सिंचाई दोनों परिस्थितियों में उगाई जा सकती है, ऐसे में आप इसे विभिन्न जलवायु परिस्थिति के अनुसार अपने खेतों में इसका उपयोग कर सकते है।
विशेषताएँ:
- गति अवधि: आईएसएफ-300 की वृद्धि अवधि लगभग 134 दिन है।
- : इस किस्म से प्रति हेक्टेयर लगभग 17.96 क्विंटल उपज प्राप्त की जा सकती हैं।
- आईएसएफ-300 में 38.2% का उच्च तेल प्रतिशत होता हैं।
- रोग प्रतिरोध: यह किस्म फ्यूज़ेरियम विल्ट के प्रति प्रतिरोधी है, जिससे फसलों को सुरक्षा मिलती है