प्याज और चावल के किसानों के लिए धमाकेदार खुशखबरी, केंद्र सरकार ने किया बड़ा ऐलान, यहाँ जानें पूरी बात।
प्याज के किसानों के लिए अच्छी खबर
देश की शान कहे जाने वाले हमारे किसान भाइयों को केंद्र सरकार की तरफ से बड़ी खुशखबरी मिली है। जिसमें प्याज और धान की खेती करने वाले किसानों को फायदा हो रहा है। तब चलिए जानते हैं कि सुबह-सुबह किसानों को ऐसा कौन सा तोहफा मिल गया है जिसके बाद किसानों की खुशी बढ़ती जा रही है। जिसमें सबसे पहले हम बात करते हैं प्याज के किसानों के बारे में उसके बाद हम चावल के किसानों के लिए भी जानकारी देंगे। अंत में हमें यह भी जानेंगे कि आखिर सरकार के इस फैसले के पीछे का कारण क्या माना जा रहा है।
जिसमें सबसे पहले प्याज के किसानों के लिए बात कर ले तो बता दे कि केंद्र सरकार ने प्याज पर लगे एक्सपोर्ट को हटाने का फैसला लिया है। अब हमारे देश से प्याज कोई भी दाम में निर्यात कर सकते हैं। इतना ही नहीं आपको बता दे कि निर्यात पर जो पहले ड्यूटी 40 फीसदी थी अब उसे घटाकर 20 फीसदी की गई है। इस तरह किसानों को बहुत राहत होने वाली है। इस तरह प्याज पर जो 550 डॉलर प्रति मीट्रिक टन की एमईपी की शर्त हट गई है। एमईपी यानी कि न्यूनतम निर्यात मूल्य। चलिए हम जानते हैं चावल के किसानों के लिए क्या खबर है।
चावल के किसानों को भी हुआ लाभ
प्याज की बात तो हो गई अब धान के किसानों की बात कर लेते हैं। जिसमें आपको बता दे कि वह किसान जो बासमती चावल की खेती करते हैं उनके लिए खुशखबरी है। बासमती चावल पर लगे एक्सपोर्ट को लेकर भी सरकार ने ऐलान किया है। अभी तक जो 850 डॉलर प्रति टन एमईपी लगी हुई थी उसे हटा दिया गया है। इस तरह अभी तक जो किसानों को उपभोक्ता मामले के मंत्रालय के निर्णय पर किसानों का आक्रोश, गुस्सा खत्म होता है और केंद्र सरकार के फैसले से वह बेहद खुश हो जाएंगे।
आपको बता दे कि बासमती चावल की कीमत गिरने से किसान बहुत चिंतित थे। लेकिन अब उन्हें राहत की खबर मिल चुकी है। चलिए जानते हैं इसका कारण लोग क्या समझ रहे हैं।
क्या चुनाव से पहले किसानों को किया खुश ?
केंद्र सरकार के इस फैसले से किसान तो खुश होंगे ही लेकिन लोग बातें भी बना रहे हैं। जैसा कि आप जानते हैं महाराष्ट्र, हरियाणा, के विधानसभा चुनाव को लेकर यह खबर आ रही है कि किसानों के हित में लिए गए इस फैसले से हो सकता है कि सरकार किसान को खुश करने के लिए यह सब कर रही है और अपने पक्ष में लेना चाहती है। लेकिन इससे तो किसानों को फायदा ही है।