कितनी भी जिद्दी घास हो 2 घंटे में दम तोड़ देगी, दोबारा जन्म नहीं लेगी, Video में जानें 100% खरपतवार की छुट्टी का उपाय।
खरपतवार से किसानों को नुकसान
खरपतवार यानी कि वह अनावश्यक घास जो कि किसी काम के नहीं होते और खेतों में उगते हैं। जैसे कि गाजर घास, कांस, मोथा आदि। इससे किसान भाइयों को कई सारी समस्याएं होती है। आपको बता दे कि आप जो फसल लगाते हैं जैसे कि मान लीजिए धान-गेहूं या कोई भी सब्जी की फसल, उनके साथ अगर खरपतवार भी उगते हैं तो वह खरपतवार फसल के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं। उनके हिस्से का पानी, प्रकाश, जगह पोषक तत्व लेने लगते हैं। जिससे क्या होता है कि आपकी फसल की वृद्धि कम हो जाती है, उपज कम मिलती है, गुणवत्ता भी खराब होती है, यानी की खरपतवार किसानों के लिए बहुत ही ज्यादा नुकसानदायक है।
तब चलिए आपको बताते हैं कि खरपतवार कैसे हटा सकते हैं। इन खरपतवार नाशक दवाइयो का इस्तेमाल वह लोग भी कर सकते हैं जिनके घर के सामने बहुत सारी खरपतवार उगी है।
कितनी भी जिद्दी घास हो 2 घंटे में दम तोड़ देगी
दोस्तों आज हम आपके लिए एक वायरल वीडियो लेकर आए हैं। जिसमें खरपतवार नाशक दवाई के बारे में जानकारी दी गई है। यहां पर दो तरह के दवाइयो के बारे में बताया गया है। एक दवाई ऐसी है जो की एक दिन में ही कुछ ही घंटे के भीतर आपकी खरपतवार का नाश कर देगी, सुखा देगी और दूसरी दवाई यह है कि वह 5 से 10 दिन के भीतर काम करेगी। लेकिन जड़ से खरपतवार खत्म हो जायेगी। तब चलिए वीडियो में देखते हैं उन दोनों खरपतवार नाशक दवाइयां के बारे में।
Video में जानें खरपतवार की छुट्टी का उपाय
अगर आप खरपतवार की समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो उसका आप नाश कर सकते हैं। लेकिन यहां पर आपको एक चीज का ध्यान रखना है कि जब आपके खेत में फसल ना हो उस समय आप इस दवाई का छिड़काव करें। क्योंकि अगर आपकी फसल के ऊपर यह दवाई पड़ जाती है तो फसल भी सूख जाएगी। इस तरह से आपको नुकसान होगा तो उस समय यह खरपतवार डालें जब खेतों में फसल ना हो। लेकिन अगर आप खेत के किनारे डालना चाहते हैं तो बचाव करके डालें। आपकी फसल पर इस दवाई का असर नहीं होना चाहिए।
यह वायरल वीडियो इंस्टाग्राम के deshkijaanhamarekisan नामक अकाउंट का है। इसमें जिन दवाई के बारे में जानकारी दी गई है, उनका नाम Excel Mera-71 ECCL, पैराक्वेट डाइक्लोराइड, Glyphosate 71% और 41 है। यह आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन इसमें बताई गई सावधानी का भी ध्यान रखें।