छोटी नर्सरी बनाने के लिए सरकार किसानों को 50% सब्सिडी दे रही है। तो चलिए जानते हैं इस योजना के बारे में संपूर्ण जानकारी।
छोटी नर्सरी बनाने के लिए 50% सब्सिडी
छोटी नर्सरी योजना के तहत 10 लाख रुपए तक की सब्सिडी मिल रही है। दरअसल, छोटी नर्सरी बनाने के लिए 50% अनुदान दिया जा रहा है, जिसे बिहार सरकार द्वारा लागू किया गया है। इससे किसानों की आमदनी में इजाफा होगा। जो लोग खेती के क्षेत्र में कुछ नया करना चाहते हैं, उनके लिए यह एक अच्छा अवसर है।
दो किस्तों में खाते में आएगा पैसा
सरकार का अनुमान है कि एक हेक्टेयर में नर्सरी बनाने पर लगभग 20 लाख रुपए तक का खर्च आता है। इसमें आधा पैसा, यानी 10 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से सब्सिडी मिलेगी। यह सब्सिडी दो किस्तों में दी जाएगी।
पहली किस्त में 60% यानी ₹6 लाख रुपए, और दूसरी किस्त में 40% यानी ₹4 लाख रुपए मिलेंगे। यह दोनों किस्तें किसानों को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे उनके खाते में मिलेंगी।
लाभ लेने के लिए ये शर्तें करें पूरी
इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी के पास कम से कम 0.4 से 1 हेक्टेयर तक की भूमि होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त, उनके पास सिंचाई और बिजली की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए ताकि नर्सरी का संचालन सुचारु रूप से किया जा सके। खेत अच्छी स्थिति में होना चाहिए और उसमें पानी का जमाव नहीं होना चाहिए।
लाभ लेने के लिए यहां से करें आवेदन
अगर इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो आधिकारिक वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। वहां पर छोटी नर्सरी योजना की लिंक मिलेगी, जिस पर क्लिक करके आवेदन फॉर्म भरना होगा। साथ ही दस्तावेजों को अपलोड करना होगा, जिसके बाद आप इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। अगर दस्तावेजों की बात करें, तो आपके पास निम्नलिखित दस्तावेज होने चाहिए-
- आधार कार्ड
- डीबीटी पोर्टल पर पंजीयन
- जमीन के कागज़
- यदि आप अनुसूचित जाति/जनजाति से हैं, तो जाति प्रमाण पत्र भी आवश्यक होगा।

नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको ‘काम की खबर’ दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद