खेती का तरीका बदलकर किसान अधिक कमाई कर सकते हैं तो चलिए आपको बताते हैं राज्य सरकार किसान खेती की तरफ किसानों को आकर्षित कर रही है-
टिकाऊ खेती के लिए प्रोत्साहित
किसान लंबे समय से अधिक पैदावार लेकर अधिक कमाई करने के लिए रासायनिक, खाद, कीटनाशक आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिससे सिर्फ मिट्टी खराब नहीं हो रही है बल्कि इससे किसान की सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है, और सबसे बड़ी बात पर्यावरण प्रदूषण भी हो रहा है। इसीलिए केंद्र सरकार से लेकर विभिन्न राज्य सरकार किसानों को प्राकृतिक खेती की तरफ आकर्षित कर रही है, और सरकार चाहती है कि किसान टिकाऊ खेती करके अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ, मिट्टी के स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें, और पर्यावरण प्रदूषण भी इससे नहीं होगा। जिसमें आपको बता दे की नेचुरल फार्मिंग के लिए सरकार विभिन्न तरह के अनुदान भी दे रही है।
24,000 किसानों ने कर लिया पंजीयन
प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। किसान भी इस खेती से होने वाले फायदों को समझ रहे हैं। जिसमें हरियाणा राज्य सरकार नेचुरल फार्मिंग पोर्टल पर किसानों को पंजीयन करने के लिए आग्रह कर रही है, और अभी तक 24000 किसानों ने पंजीयन कर लिया है। जिसमें से 10000 किसान ऐसे हैं जो 15170 एकड़ की जमीन में प्राकृतिक खेती पहले से ही करते आ रहे हैं, और अब ज्यादा से ज्यादा किसान प्राकृतिक खेती की तरफ जुड़ रहे हैं। हरियाणा राज्य सरकार के अलावा अन्य राज्य सरकार भी किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए सब्सिडी दे रही है।

कब तक कर सकते हैं पंजीयन
किसान अगर हरियाणा राज्य के हैं और प्राकृतिक खेती के लिए इच्छुक है तो आपको बता दे कि आपके पास 31 दिसंबर 2025 तक का समय है। अगर आप अभी प्राकृतिक खेती करना चाहते हैं तो नेचुरल फार्मिंग पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। बता दे कि राज्य सरकार नेचुरल फार्मिंग के लिए ट्रेनिंग भी दे रही है। जिससे किसान प्राकृतिक खेती सही तरीके से कर सकते हैं। जिसमें गुरुकुल कुरुक्षेत्र, करनाल और सिरसा, हमेटी जैसे जगह में ट्रेनिंग सेंटर में किसानों को प्राकृतिक खेती सिखाई जाएगी। प्राकृतिक खेती में किसानों को कई फायदे हैं, लागत कम आती है मुनाफा अधिक होगा।