सालभर रहती है डिमांड, एक बार की खेती से बनेंगे लखपति, खेत की मिट्टी भी होगी उपजाऊ, जानिये खेती का सही तरीका

सालभर रहती है डिमांड, एक बार की खेती से बनेंगे लखपति, खेत की मिट्टी भी होगी उपजाऊ, जानिये खेती का सही तरीका। फिर होंगे मालामाल।

सालभर डिमांड से होगी कमाई

किसान अगर बाजार की मांग को ध्यान में रखकर खेती करते हैं तो तगड़ी कमाई कर सकते हैं। जैसे की अरहर की खेती में किसानों को बढ़िया कमाई होती है। अरहर जिसे कुछ लोग तुअर की दाल कहते है, इसकी डिमांड साल भर हर घर में बनी रहती है। जिसमें जंगली अरहर की खेती से कई किसान लखपति बन गए है। इस तरह अरहर की खेती करके किसान मालामाल हो सकते हैं और अरहर की कीमत भी बढ़िया मिलती है। लेकिन फिर भी कई ऐसे किसान है जिनको इसमें फायदा नहीं होता। क्योंकि वह सही तरीके से अरहर की खेती नहीं करते हैं।

इसीलिए आज हम जानेंगे कि अरहर की खेती कैसे करें। जिससे उन्हें ज्यादा उत्पादन और कमाई भी हो। जिसके लिए यहां पर हम जानेंगे कि अरहर की खेती किस तरह की मिट्टी में की जाती है, उसकी खेती के लिए बुवाई का कौन-सा महीना सही होता है और इसकी खेती से होने वाले फायदे भी जानेंगे।

सालभर रहती है डिमांड, एक बार की खेती से बनेंगे लखपति, खेत की मिट्टी भी होगी उपजाऊ, जानिये खेती का सही तरीका

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अरहर की खेती का ये है सही तरीका

नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जाने अरहर की खेती कैसे की जाती है।

  • अरहर की खेती करने के लिए हमें उस जमीन का चुनाव करना चाहिए जहां पानी की निकासी की व्यवस्था अच्छी होती है। जी हां आपको बता दे कि अरहर की खेती के लिए वह जमीन अच्छी होती है जहां पानी नहीं रुकता है। नहीं तो इससे अरहर की खेती बढ़िया नहीं होती है।
  • इसके अलावा अब हम मिट्टी की बात कर लेते हैं, तो अरहर की खेती के लिए दोमट मिट्टी, रेतीली मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। इसलिए किसान दोमट मिट्टी में अरहर की खेती करें।
  • अरहर की खेती के सही समय की बात की जाए तो किसान अगले महीने के पहले पखवाड़े में अरहर की खेती कर सकते हैं। वह सबसे बढ़िया समय होगा। जी हां आपको बता दे की जून का पहला पखवाड़ा अरहर की खेती के लिए सही माना जाता है। इससे किसान सही समय पर अरहर की खेती की शुरुआत कर पाएंगे।
  • इसके अलावा किसानों को बीजों का भी चयन करना चाहिए। यानी की अपने राज्य के जलवायु के अनुसार अरहर की किस्मो को आगये। साथ ही फसल की देखरेख में भी पूरा ध्यान देना चाहिए। तभी उन्हें बढ़िया उपज मिलेगी। जिसमें अगर आप झारखंड के निवासी हैं तो पूसा किस्म के अरहर लगा सकते हैं। यह वहां के लिए बेहतर मानी जाती है।
  • वही अरहर की खेती में लगने वाले समय की बात करें तो तकरीबन 120 दिन का समय लग ही जाता है। लेकिन एक बार ही खेती करके किसान साल भर इससे कमाई कर सकते हैं।

अरहर की खेती से होने वाला फायदा

अब बात कर लेते हैं अरहर की खेती से होने वाले फायदे की तो अरहर की खेती में तो कमाई है ही साथ ही इससे आपकी खेत की मिट्टी को भी फायदा होता है। जी हां आपको बता दे की अरहर की खेती से खेत की मिट्टी की उर्वरता और उत्पादन की क्षमता बढ़ जाती है। इस तरह अरहर की खेती मुनाफे वाली खेती होने के साथ-साथ मिट्टी के लिए भी फायदेमंद है। क्योंकि आजकल केमिकल वाली खाद का इस्तेमाल होने से मिट्टी का उपजाऊपन कम होता जा रहा है।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद