महिला को मिला ऐसा आइडिया कि एक साथ 2 सब्जी लगाकर चार गुना ज्यादा कमा रही है मुनाफा, नाम हुआ रोशन

On: Thursday, August 28, 2025 11:59 AM
ये 2 सब्जियां एक साथ लगाई जाती हैं

एक ही जमीन में दो फसल लगाकर महिला किसान पहले से ज्यादा आमदनी ले रही है। चलिए जानते हैं कैसे।

महिला किसान का परिचय

हमारे देश में कई महिलाएं ऐसी हैं जिनको खेती-किसानी में दिलचस्पी है। वे खेती करके अपना नाम रोशन कर रही हैं, अपना घर चला रही हैं और आमदनी में वृद्धि भी कर रही हैं। वहीं सरकार भी उन महिलाओं को सहायता दे रही है। खेती के तरीकों और खेती में आने वाले खर्च को कम करने में कई तरह से मदद की जा रही है। आज बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की रहने वाली महिला किसान शीलू देवी की, जो एक साथ दो फसल लगाती हैं। इसके बारे में उन्हें संस्था से जानकारी मिली थी। वे बताती हैं कि इस तरीके से पहले से लागत कम आती है तथा खेत से हमेशा आमदनी होती रहती है।

ये 2 सब्जियां एक साथ लगाई जाती हैं

एक ही खेत में वह 2 सब्जियां एक साथ लगा देती हैं। जब एक का उत्पादन मिलना बंद होता है तो दूसरी से उत्पादन मिलने लगता है और खेत कभी खाली नहीं रहता। शीलू देवी तुरई और बैंगन की खेती एक साथ करती हैं। यानी कि वह मिश्रित खेती करती हैं। इसमें बैंगन जमीन पर छोटे पौधे की तरह उगता है, जबकि तुरई बेल वाली फसल है जिसे सहारे की जरूरत होती है। इ

सके लिए वे खेतों में बांस लगाकर तुरई की बेल को ऊपर चढ़ा देती हैं। इस दौरान नीचे लगे बैंगन के पौधे तैयार हो जाते हैं। जब तुरई का उत्पादन कम होने लगता है तब बैंगन से उत्पादन मिलने लगता है। बैंगन एक लंबी अवधि की फसल है।

खर्चे से चार गुना ज्यादा मुनाफा

तुरई और बैंगन की खेती उन्होंने हाल ही में शुरू की है, जिसमें उन्हें अच्छा खासा फायदा हो रहा है। अब उन्होंने पहले से अधिक पैमाने पर खेती करने का फैसला कर लिया है और लगातार जमीन बढ़ा रही हैं।

उन्होंने बताया कि इस खेती में लागत करीब ₹20,000 आती है, जबकि इससे ₹90,000 तक की कमाई हो जाती है। समय के साथ जैसे-जैसे अनुभव बढ़ रहा है, लागत भी कम होगी और मुनाफा बढ़ता जाएगा।

समय की बात करें तो बैंगन की खेती ग्रीष्मकालीन, वर्षा कालीन और शरदकालीन फसल के रूप में की जाती है। वहीं तुरई की फसल गर्मी, वर्षा और रबी तीनों सीजन में की जा सकती है।

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