रबी फसलों के लिए माइक्रोन्यूट्रिएंट्स क्यों हैं जरूरी, यहां जानिए कब कैसे दें फसल को यह खाद

On: Sunday, November 9, 2025 5:00 PM
रबी फसलों के लिए माइक्रोन्यूट्रिएंट्स क्यों हैं जरूरी

रबी की फसलों से ज्यादा उत्पादन लेना चाहते हैं फसल को संपूर्ण पोषण देना चाहते हैं तो आईए जानते हैं रबी फसलों के लिए माइक्रोन्यूट्रिएंट्स क्यों हैं जरूरी-

रबी फसलों के लिए माइक्रोन्यूट्रिएंट्स क्यों हैं जरूरी

रबी फसलों के लिए माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जरूरी है। इसलिए आज हम इस पर चर्चा करने जा रहे हैं। जिसमें बता दे कि रबी फसलों के लिए माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, जिसे सूक्ष्म पोषक तत्व कहा जाता है यह बहुत ज्यादा जरूरी होता है। फसल के वृद्धि के लिए, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए, तथा समग्र गुणवत्ता में सुधार करने के लिए।

अगर किसान रबी फसलों में यह सूक्ष्म पोषक तत्व देते हैं तो फसल को पोषण पूरी तरीके से मिलता है, पौधे स्वस्थ रहेंगे, उनकी वृद्धि को बढ़ावा मिलता है, उत्पादन अधिक मिलता है, गुणवत्ता में सुधार होती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, उसमें बीमारी-कीट रोग अधिक नहीं लगेंगे।

जैविक क्रियायों का समर्थन यह देती है। जैसे के प्रकाश संश्लेषण होना जिससे किसानों को उत्पादन अच्छा मिलता है। मिट्टी में जो भी पोषक तत्व आवश्यक होते हैं, उनकी पूर्ति यह खाद करता है। अगर किसान माइक्रोन्यूट्रिएंट्स खेतों में डालते हैं, तो फसल हरी भरी रहती है, फूल फल ज्यादा आते हैं। जिससे परिणाम अच्छा मिलता है। उत्पादन बढ़िया मिलता है।

माइक्रोन्यूट्रिएंट्स फर्टिलाइजर क्या है

किसानों के मन में यह भी सवाल होता है कि माइक्रो न्यूट्रिएंट्स फर्टिलाइजर क्या है, तो यह भी एक खाद है। जिसमें जिंक, लोहा, मैंगनीज, बोरान, तांबा जैसे कई तरह के सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं जो कि पौधों को आवश्यक होते हैं। पौधों की जरूरत होते हैं। जिनको पूरी करने के लिए इन माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का इस्तेमाल किया जाता है। यह पौधों की वृद्धि में सहायक है। पत्तियों को हरा-भरा रखता है। फूल फल की संख्या बढ़ती है, और यह इस तरीके से बनाया जाता है कि पौधे इसे तेजी से ग्रहण कर लेते हैं और अधिक प्रभाभी ढंग से यह अवशोषित होता है।

रबी की किन फसलों को माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की जरूरत होती है

अब रबी सीजन में किसान कई तरह की फसलों की खेती करते हैं। जिसमे लगभग सभी फसलों को सूक्ष्म पोषक तत्व यानी कि माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की जरूरत होती है। जिसमें गेहूं के लिए बोरान ज्यादा महत्वपूर्ण होता है इससे दाने बढ़िया से भरते हैं सरसों जो कि तेल वाली फसल है तेल की मात्रा को बढ़ाने के लिए सल्फर की जरूरत अधिक होती है। वही दलहनी फसलों में भी सूक्ष्म पोषक तत्वों की जरूरत होती है।

माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का इस्तेमाल कब कैसे किया जाता है

माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का इस्तेमाल आप बुवाई से पहले कर सकते हैं। खेत की तैयारी के समय बेसल डोज में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं, या फिर वृद्धि के दौरान जैसे कि फूल आने वाले हैं, फल लगने वाले हैं, लग रहे हैं तो उसे समय भी डाल सकते हैं, या फिर जब आपको कोई कमी का लक्षण दिखाई दे, की पोषक तत्व की कमी पौधों में हो रही है तब इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

इस्तेमाल के तरीके की बात करें तो माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का इस्तेमाल आप उस मिट्टी में सीधे मिलकर कर सकते हैं या फिर ड्रिप सिंचाई के द्वारा भी दे सकते हैं। पत्तियों पर छिड़कर भी दे सकते हैं। उसका घोल बनाया जाता है। मात्रा भी आपको ध्यान में रखनी है। सबसे बढ़िया होगा की मिट्टी की जांच करवा ले, जितनी जरूरत हो उतनी मात्रा में ही यह खाद दे।

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