किसान भाइयों, सही समय पर लगाई गई सब्जी की कीमत भी मंडी में ज्यादा मिलती है। तो चलिए बताते हैं कि इस समय कौन सी 3 सब्जियां लगाकर किसान मालामाल हो सकते हैं।
छप्पन टिंडा की खेती
अभी या 15 नवंबर से पहले तक किसान छप्पन टिंडा की खेती कर सकते हैं। इससे जोरदार उत्पादन मिलेगा और मंडी भाव भी अच्छा रहेगा। बता दें कि अगर अभी छप्पन टिंडा लगा लेते हैं, तो 50 से 60 रुपए किलो तक मंडी भाव मिल सकता है। आपको बता दें कि छप्पन टिंडा लगाने का समय अक्टूबर का शुरुआती दौर था, लेकिन बरसात के कारण कई किसानों ने इसकी खेती नहीं की है। अब भी अच्छा मौका है अभी लगाकर सही समय का फायदा उठा सकते हैं।
इसमें खर्च भी कम आता है, लेकिन अगर प्लास्टिक मल्च का इस्तेमाल कर लेते हैं तो खरपतवार निकालने की समस्या नहीं होगी और मिट्टी में नमी भी बनी रहेगी। इसे 4 फीट की दूरी पर बेड बनाकर और पौधों की रोपाई करके लगाया जा सकता है। दो से ढाई माह तक इसका उत्पादन मिलता है। अभी इसकी अगेती खेती की जा सकती है। बस रस-चूसक कीटों से फसल को बचाना है व्हाइटफ्लाई की समस्या इसमें ज्यादा आती है, इसलिए इसका रोकथाम करना जरूरी है।

मटर की खेती
इस समय मटर की खेती कर सकते हैं। अभी लेट नहीं हुआ है। अभी लगाने पर भी अच्छा उत्पादन मिलेगा और कमाई भी ज्यादा होगी। मटर को सदाबहार फसल कहा जाता है। इसकी अच्छी वैरायटी की बात करें तो एडवांटा जीएस-10 बढ़िया वैरायटी है, जिसे चुन सकते हैं। जमीन की तैयारी में कुछ बातों का ध्यान रखें गहरी जुताई करें और 8-10 दिन तक मिट्टी को धूप लगने दें, जिससे मिट्टी में फंगस और खरपतवार की समस्या न आए। अच्छा उत्पादन लेने के लिए गोबर की पुरानी खाद का इस्तेमाल करें। रासायनिक खाद में डीएपी, एमओपी और यूरिया का इस्तेमाल किया जा सकता है।
फूलगोभी की खेती
फूलगोभी की खेती इस समय कर सकते हैं। यह कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल है। अगर एक एकड़ में क्यारी बनाकर खेती करते हैं, तो 180 क्विंटल तक उत्पादन मिल सकता है। एक एकड़ में क्यारी बनाकर फूलगोभी लगाने पर 17 से 18 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं। हर पौधा आराम से करीब 1 किलो वजन देता है। अगर मंडी में ₹10 प्रति किलो का भाव भी मिले, तो करीब ₹1,80,000 की कमाई हो सकती है। खर्चा भी इसमें कम आता है।
आपको बता दें कि फूलगोभी एक ट्रेंडिंग फसल मानी जा रही है। इसका मंडी भाव इस समय 60 से 70 रुपए किलो तक जा रहा है। नवंबर में फूलगोभी के लिए मौसम अनुकूल होता है। बस आपको 15–20 दिन में निराई-गुड़ाई करनी है और खाद अच्छी डालनी है। गोबर की पुरानी खाद, डीएपी, एमओपी, और यूरिया दे सकते हैं। भुरभुरी मिट्टी में इसकी खेती बेहतर होती है। 15–20 दिन बाद एक बार खाद की खुराक दें। इफको की सागरिका भी दे सकते हैं, इससे जोरदार उत्पादन मिलेगा। अभी लगाने पर रोग और बीमारियों का खतरा भी कम रहता है।
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