कम खर्च, कम जमीन से ज्यादा आमदनी लेना चाहते हैं तो उनके लिए यह बेहद डिमांड वाली सब्जी कमाल की रहेगी। चलिए बताते हैं इसकी पूरी जानकारी।
नवंबर-दिसंबर में किस सब्जी की खेती करें
नवंबर-दिसंबर में भी कई ऐसी सब्जियां हैं, जिन्हें लगाकर किसान अच्छे-खासे पैसे कमा सकते हैं। इसमें आपको समय का बहुत ज्यादा ध्यान रखना होगा। यहां जिस सब्जी की बात की जा रही है, उसे किसान 15 नवंबर से लेकर 15 दिसंबर तक लगा सकते हैं। यह बेहद डिमांड वाली सब्जी है। इससे सब्जी, जूस, तेल से लेकर बहुत कुछ बनाया जाता है। स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ज्यादा लाभकारी है।
इसी वजह से समय के साथ-साथ इसकी मांग बढ़ रही है और कीमत भी किसानों को ज्यादा मिल रही है। एक बीघा में भी इसकी खेती कर लेंगे तो लाखों की आमदनी ले सकते हैं। यह लंबी अवधि तक उत्पादन देने की क्षमता रखती है। दरअसल, यहां पर लौकी की खेती की बात की जा रही है। लौकी एक ऐसी हरी सब्जी है जिसकी अब बहुत ज्यादा मांग बढ़ गई है। उत्पादन भी किसानों को अधिक मिलता है। तो चलिए, आपको बताते हैं किस तरीके से खेती करनी है जिससे खर्च घटे और उत्पादन बढ़े।

खेती का तरीका
लौकी की खेती गर्मी और बरसात में जिस तरीके से की जाती है, सर्दी में उसका तरीका थोड़ा अलग होता है। गर्मी और बरसात के लिए मचान विधि अच्छी होती है, लेकिन सर्दी में इस पर खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप इसके जगह पर क्रॉप कवर का इस्तेमाल करें, जो पहले से फसल को बचाएगा। इसके अलावा, वही खाद डालें जो आप पहले खेत तैयारी के समय देते थे जैसे कि गोबर की खाद 5 से 6 ट्रॉली, डीएपी, एमओपी, यूरिया, सल्फर आदि। इससे लंबे समय तक उत्पादन मिलेगा।
इसके अलावा, 25 माइक्रो इंच के प्लास्टिक मल्च लगाकर, 7 फीट की दूरी में बेड बनाएं और 1 फीट की दूरी पर बीजों की बुवाई करें। क्रॉप कवर का खर्चा भले ही आता है, लेकिन इसे आप 5 से 6 अन्य फसलों में भी आगे इस्तेमाल कर पाएंगे। इससे यह खर्चा निकल आएगा।
बढ़िया वैरायटी
लौकी की बढ़िया वैरायटी कई हैं, जिनकी खेती करके किसान बढ़िया गुणवत्ता वाली लौकी प्राप्त कर सकते हैं। इनमें माहीको 8 नंबर, वीएनआर की सरिता, क्लॉज की नूतन जैसी वैरायटी अच्छी मानी जाती हैं। किसानों को अपने क्षेत्र और ग्राहकों की डिमांड के हिसाब से वैरायटी का चयन करना चाहिए।
अगर आपके क्षेत्र में इस साल ज्यादा बारिश हुई है, तो रोटावेटर से खेत की तैयारी करें और जुताई के बाद कुछ दिन तक खेत को छोड़ दें ताकि धूप लग सके। इससे खरपतवार खत्म हो जाएंगे।
यह भी पढ़े- MP के किसान इस औषधीय फसल से 30 लाख रुपए प्रति एकड़ कमा रहे हैं, जानिए कैसे खेत उगल रहा है खजाना

नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको ‘काम की खबर’ दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद













