गेहूं के दामों ने किया हाईलेवल का स्तर पार। महंगाई के इस जमाने में लगातार हर चीजों के दाम बढ़ते जा रहे हैं। अब ऐसे में गेहूं के दाम भी हाई लेवल का स्तर पार कर चुके हैं। गेहूं के महंगे होने की वजह से इसका पूरा असर गेहूं के आटे पर पड़ रहा है। आटा महंगा होने पर आम जनता की परेशानियां बढ़ती नजर आ रही है। अब ऐसे में सरकार तमाम कोशिश कर रही है कि गेहूं के दाम कंट्रोल में ले जा सके लेकिन गेहूं के दाम है कि MSP रेट से काफी ऊपर चल रहे हैं।
इसकी वजह से गेहूं से तैयार होने वाले जितने भी खाद्य पदार्थ है। उनके दाम भी बढ़ चुके हैं। गेहूं के दाम रिकॉर्ड लेवल को पार करके बहुत ऊपर जा चुके हैं। इतना ही नहीं कई मंडियों में तो गेहूं के भाव MSP से 900 से लेकर 1000 रुपए तक ज्यादा चल रहे हैं।
MSP से ऊपर चल रहे गेहूं के रेट
गेहूं के रेट कई मंडियों में MSP से ऊपर चल रहे हैं। वहीं यूपी में गेहूं के रेट तेजी से बढ़ रहे हैं जो कि फिलहाल 2910 रुपए प्रति क्विंटल का भाव पर कर आगे बढ़ चुके हैं। वहीं आपको बता दे कि MSP रेट लगभग 2275 रुपए प्रति क्विंटल से लगभग 29 प्रतिशत ज्यादा हो चुके हैं। इसके चलते आम जनता को कई समस्याएं हो रही है।
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उत्तर प्रदेश की टूंडला मंडी में गेहूं के रेट सबसे ज्यादा बड़े हैं। बता दे कि यहां पर गेहूं के रेट 2939 रुपए प्रति क्विंटल पर जा पहुंचे हैं। बाकी राज्यों में गेहूं के औसत भाव लगभग 3120 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास है। इन सब से साफ पता चलता है कि गेहूं के रेट बहुत हाई लेवल पर जा पहुंचे हैं। जिसके चलते आटे का भाव प्रति किलो ₹40 महंगा हो चुका है। जिसके चलते लोगों को रोटियां महंगी पड़ रही है।
बाकी मंडियों में गेहूं के भाव
- अनाज मंडी न्यूनतम मूल्य अधिकतम मूल्य
- भरुआसुमेरपुर 2,970 2,980
- मुस्करा मंडी 3,100 3,100
- लखीमपुर मंडी 2,940 2,950
- तिकुनिया मंडी 2,600 2,600
- बांगरमऊ मंडी 3,010 3,090
- जालौन मंडी 2,986 2,986
- अतर्रा एपीएमसी 2,800 2,800
- पवैया मंडी 2,900 2,900
- टूंडला मंडी 3,120 2939
गेहूं के रेट बढ़ने का कारण
गेहूं के रेट बढ़ने का कारण यह है कि भारतीय खाद्य निगम और राज्य एजेंसियों के पास गेहूं का बहुत बड़ा स्टॉक है। जो पर्याप्त होने का दावा किया जा रहा है लेकिन वहीं व्यापारियों का कहना है कि सरकार के पास पर्याप्त स्टॉक है ही नहीं जिसके चलते गेहूं के रेट इतनी ज्यादा बढ़ रहे हैं। वहीं सरकार इस बात का दावा कर रही है कि इन एजेंसियों के पास लगभग 222 लाख टन गेहूं का स्टॉक है। जबकि उनका लगभग 204 लाख मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक रखना ही काफी माना जा रहा है।
अब ऐसे में गेहूं सरकार ने लगभग 25 लाख अतिरिक्त गेहूं को ई-ऑप्शन के जरिए मार्केट में बिक्री के लिए बाहर लाने का फैसला किया है। वहीं वर्तमान में गेहूं की कीमतें बहुत हाई लेवल पर है। जिसके कारण इसका बाजार मूल्य बहुत ज्यादा लगा है यह फैसला गेहूं के दामों पर रोकथाम लगाने के लिए किया गया है। अब ऐसे में गेहूं के रेट कम होते हैं कि नहीं यह तो समय ही बता पाएगा।
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