गेहूं की कीमतें तोड़ रही सारे रिकॉर्ड, सरकार की बढ़ती जा रही मुश्किले, MSP पर खरीद को लेकर छूटेंगे पसीने

गेहूं की कीमतें तोड़ रही सारे रिकॉर्ड, सरकार की बढ़ती जा रही मुश्किले। फिलहाल गेहूं की कीमतें समर्थन मूल्य से बहुत ज्यादा ऊपर चल रही है। अब ऐसे में सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। वर्तमान में गेहूं ₹3000 प्रति क्विंटल से ज्यादा की कीमत में खुले बाजार में बेचा जा रहा है। वहीं सरकार की तरफ से समर्थन मूल्य 2425 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया था लेकिन इससे भी ऊपर गेहूं की कीमतें फिलहाल बढ़ती नजर आ रही है।

अब ऐसे में सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है अगर सरकार गेहूं की एसपी पर खरीदी करती है तो ऐसे में उनके खरीदी को लेकर पसीने छूट जाएंगे। इसका सीधा असर सरकार के फ्री राशन देने की योजना पर पड़ेगा। अब ऐसे में सरकार क्या फैसला लेती है यह देखना दिलचस्प होगा।

समर्थन मूल्य से कई गुना ज्यादा ऊपर चल रहे गेहूंके रेट

गेहूं के रेट फिलहाल समर्थन मूल्य से कई गुना ज्यादा चल रहे हैं। जहां ₹3000 प्रति क्विंटल गेहूं के दाम है वहीं सरकार की तरफ से एमएसपी रेट 2425 रुपए प्रति क्विंटल है। इसका आम जनता पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ रहा है जिसकी वजह से लोगों को गेहूं खरीदने में और आटे की बढ़ती कीमतों की वजह से दिक्कतें झेलनी पड़ रही है। इतना ही नहीं किसानों को पंजीयन करने में भी बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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सरकार की तरफ से बीते साल भी मिला था बोनस

जहां फिलहाल इस साल गेहूं का समर्थन मूल्य 2425 रुपए प्रति क्विंटल है। वहीं बीते साल 2023 से 24 में गेहूं का समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया था। जिसके तुलना में बाजार का मूल्य बहुत ज्यादा है इतना ही नहीं जिसको देखते हुए सरकार की तरफ से 125 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा भी की गई थी। इस प्रकार केंद्रों पर किसानों को 2400 प्रति क्विंटल 36000 से ज्यादा किसानों ने इसमें पंजीयन करवाया था। जिससे पहले साल 2023 में लगभग 57008 किसानों ने 496220 क्विंटल गेहूं बेचा था।

गेहूं की महंगाई को लेकर कमाई पर पढ़ रहा असर

गेहूं चावल और सब्जियों की लगातार बढ़ती कीमतों की वजह से आम जनता को की कमाई आदि से ज्यादा इन्हीं में खर्च होने लगी है। सरकार के हजारों कोशिशो के बाद भी महंगाई से किसी प्रकार की राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। वही छिंदवाड़ा कलेक्ट्रेट से मिली जानकारी के हिसाब से जिले में बीते 5 साल से 2 लाख लोगों के नाम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में जोड़े गए हैं। वही गरीबी की बढ़ती संख्या को देखकर यह समझा जा सकता है। वही आटा ₹40 किलो, चावल ₹60 किलो और तुअर दाल के भाव 140 से ₹200 प्रति किलो है वही सोयाबीन का तेल 125 रुपए लीटर बिक रहा है।

गेहूं की खेती लगभग 3 हेक्टेयर में की जाती है

आपकी जानकारी के लिए बता दे की छिंदवाड़ा के कृषि उपसंचालक जितेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि जिले भर में लगभग तीन लाख हेक्टेयर जमीन में गेहूं की खेती की जाती है। छिंदवाड़ा जिले में तैयार किए गए माचागोरा बांध के चलते गेहूं की खेती का रकबा लगातार बढ़ रहा है ऐसे में किसान गेहूं और मक्के की खेती करने लगे हैं। वहीं किसानों को गेहूं के अच्छे खासे दाम मिल रहे हैं।

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नमस्ते, मैं चंचल सौंधिया। मैं 2 साल से खेती-किसानी के विषय में लिख रही हूं। मैं दुनिया भर की खेती से जुड़ी हर तरह की जानकारी आप तक पहुंचाने का काम करती हूं जिससे आपको कुछ लाभ अर्जित हो सके। खेती किसानी की खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद

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