इस समय मूंग की फसल को क्या चाहिए और मूंग की खेती कैसे करें, मूंग की खेती में उत्पादन तथा कमाई बढ़ाने के लिए खाद के बारे में चलिए जानते हैं।
मूंग की खेती
मूंग एक दलहन फसल है। इसे फलीदार फसल भी कह सकते हैं। इसका इस्तेमाल कई तरह के व्यंजनों में किया जाता है। यह पोषण का अच्छा स्रोत है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, पोटेशियम, एंटीऑक्सीडेंट और आयरन जैसे कई तरह के तत्व पाए जाते हैं, जो कि शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। मूंग की खेती के लिए बढ़िया जल निकासी वाली दोमट और बलुई मिट्टी का चयन करें, जिसमें खेत तैयारी करते समय दो से तीन जुताई करके पाटा चलाना चाहिए, ताकि फसल का विकास अच्छे से हो और उत्पादन अधिक मिले।
मूंग की खेती में सिंचाई
मूंग की अच्छी फसल लेने के लिए समय पर सिंचाई करना जरूरी होता है, जिसमें सीजन के अनुसार सिंचाई की जाती है। गर्मी में मूंग की फसल को 3 से 5 सिंचाई की जरूरत पड़ती है। वहीं खरीफ सीजन में अगर किस्म मूंग लगाते हैं, तो उसमें पहली सिंचाई 20-25 दिन बाद और दूसरी सिंचाई 12 से 15 दिन बाद की जाती है। इस समय बरसात भी होती है, तो ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती। लेकिन जिस क्षेत्र में अगर बारिश नहीं हो रही है, तो मिट्टी की जरूरत के अनुसार पानी दीजिए।
मूंग की खेती में कमाई
मूंग की खेती सही समय पर और सही तरीके से करते हैं, तो 1 एकड़ से 6 से 7 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। वहीं कमाई की बात करें, तो अच्छी फसल होने पर 30 से लेकर ₹50000 तक की कमाई की जा सकती है। यह फसल गर्मी में किसानों को अच्छा मुनाफा देती है, जब अन्य फसलें धूप सहन नहीं कर पाती हैं। इस समय मूंग की कीमत की बात करें, तो ₹7305 से ₹7600 प्रति क्विंटल है। जिसमें अगर ₹6000 भी भाव मिलता है, तो भी ₹42000 तक कमा सकते हैं। वहीं किसान अगर अच्छे से स्टोर कर लेते हैं, तो ज्यादा कीमत भी ले सकते हैं। कुछ किसान अच्छी किस्मो का चुनाव करके प्रति हेक्टेयर लाखो रु कमा लेते है।
मूंग की बुवाई का समय
मूंग की खेती में समय का बहुत ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है, नहीं तो उत्पादन घट सकता है और गुणवत्ता खराब हो सकती है। मूंग की खेती का सही समय मार्च में माना जाता है। मार्च के पहले पखवाड़े से लेकर अप्रैल के पहले पखवाड़े तक इसकी खेती कर सकते हैं। क्योंकि ज्यादा तापमान हो जाने पर फलियां झड़ जाती हैं, जिससे आगे चलकर किसानों को नुकसान होता है। अगर किसान देर से बुवाई करना चाहते हैं, तो 15 अप्रैल के बाद भी मूंग की खेती कर सकते हैं। बुवाई से पहले किसान बीज उपचार कर लेंगे, तो अच्छा होगा। साथ ही गहरी जुताई करेंगे, तो फसल अच्छी होगी।
ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती
अधिकतर किसान ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती करते हैं, जिसका सही समय मार्च होता है। मूंग की खेती 15 मार्च से 15 अप्रैल के बीच में करते हैं, तो वह ग्रीष्मकालीन मूंग होती है। जैसे ही गेहूं की कटाई पूरी होती है, तो मूंग की बुवाई कर सकते हैं। मूंग की बढ़िया वैरायटी का चयन करेंगे, तो अच्छी कमाई होगी। जिसमें बात करें, तो विराट, सम्राट, सूर्य, शिखा आदि ये सब अच्छी किस्म हैं। इसके अलावा अपने क्षेत्र का भी विचार करना चाहिए।
बारिश में मूंग की खेती
बरसात में मूंग की खेती करना चाहते हैं, तो किसान भाई जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई के पहले सप्ताह तक कर सकते हैं। एक एकड़ में लगभग 8 से 9 किलो बीज की जरूरत पड़ती है। बीज उपचार जरूर करें, क्योंकि बरसात में कीट फंगस की समस्या अधिक आ सकती है। तथा खेत में पानी की निकासी का ध्यान रखें। बढ़िया गहरी जुताई करके खेती करें, जिससे जमीन से पानी अच्छी तरह सूख सके।
मूंग की खेती में कौन सा खाद डालें
खाद डालकर किसान पहले से अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं। मूंग की खेती के लिए नाइट्रोजन की जरूरत कम पड़ती है। अगर मिट्टी की जांच कराने पर नाइट्रोजन की कमी है, तो 20 किलो नाइट्रोजन और 40 किलो फास्फोरस 1 हेक्टेयर में डाल सकते हैं। इसके अलावा बताया जाता है कि मूंग की खेती के लिए गोबर की खाद बढ़िया होती है। सबसे बढ़िया यही होगा कि मिट्टी की जांच कराकर मिट्टी की जरूरत के अनुसार खाद का इस्तेमाल करें। मूंग की फसल में डीएपी, एमओपी, बेंटोनिट सल्फर आदि का भी इस्तेमाल किसान भाई कर सकते हैं।
मूंग की फसल कितने दिन में तैयार होती है
मूंग की फसल लगभग दो से ढाई महीने की होती है, यानी कि 60 से 70 दिन में यह तैयार हो जाती है। गर्मी में मूंग इतने दिनों में आराम से तैयार हो जाती है। लेकिन खरीफ के सीजन में मूंग की खेती करते हैं, तो खरीफ के मौसम की मूंग लगभग 70 से 90 दिनों में तैयार होती है, यानी कि इसे अधिक समय लगता है। लेकिन आजकल कुछ वैरायटी ऐसी भी आ गई हैं, जो जल्दी तैयार हो जाती हैं और 60 दिन में ही पक जाती हैं। मूंग की कटाई तब करनी चाहिए, जब फलियां पीली और सूखी हो जाएं, तो उसकी कटाई कर सकते हैं।
अगस्त में मूंग के खेत में क्या करें
अगस्त का महीना चल रहा है कई किसानों के मन में सवाल है कि इस समय हमें क्या करना चाहिए तो अगर किसान भाई बरसात नहीं हो रही है तो 10-15 दिन के अंतराल में सिंचाई करें। पानी की कमी न होने दे। अगर बरसात ज्यादा हो रही तो पानी की निकासी का ध्यान रखें। ताकि मिट्टी में हवा का संचार हो। खरपतवार जरूर निकाले। बरसात में खरपतवार बहुत उगती है तो समय पर निराई गुड़ाई करें। कीट रोग को नियंत्रित करें। फफूंद नाशक का छिड़काव करें। बुवाई के 15 दिन बाद पहला स्प्रे किया जाता है, दूसरा स्प्रे 35 से 40 दिन के बाद में या फिर 50 और 60 दिन के बीच में कर सकते हैं।
उर्वरक प्रबंधन पर ध्यान दें बुवाई के 15 दिन बाद 19 19 19 खाद और ह्यूमिक एसिड का छिड़काव कर सकते हैं। इसके अलावा फूल और फलियां बनते समय 0 52 34 का छिड़काव कर सकते हैं। अगर फसल का विकास धीरे हो रहा है तो वृद्धि के लिए ग्रोथ प्रमोटर डाल सकते हैं। लेकिन जिन किसानों की मिट्टी उपजाऊ होती है तो उन्हें ज्यादा खाद डालने की जरूरत नहीं पड़ती है
इस तरह इन सभी बातों का ध्यान रखकर किसान मूंग की फलियों की संख्या बढ़ा सकते हैं जिससे अंतत उत्पादन अधिक मिलेगा।