अगर धान की नर्सरी तैयार करने जा रहे हैं तो आइए बताते हैं कि बीज के साथ ऐसा क्या करें कि बुवाई के बाद बीमारियां न आएं-
धान की नर्सरी तैयार करने का समय
धान की खरीद एमएसपी पर होती है, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलता है, जिसके कारण बहुत से लोग धान की खेती करते हैं, धान की खेती का तरीका आसान है, किसानों को इसकी खेती की पूरी जानकारी है, लेकिन समय के साथ उत्पादन बढ़ाने के नए तरीके आते हैं, नुकसान कम करने के तरीके किसानों को पता होते हैं, जिसमें बीज बोने से पहले कुछ काम करना जरूरी होता है ताकि किसानों को बीज जनित बीमारी की समस्या से निजात मिले, पौधे में दरार या सड़न न आए, तो आइए आपको बताते हैं कि कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी का क्या कहना है।

धान की नर्सरी तैयार करने से पहले क्या करें
धान की नर्सरी तैयार करने से पहले किसानों को बीज का उपचार कर लेना चाहिए, बीज को उपचारित करने से पौधे में बीमारी का खतरा नहीं रहता, इसके अलावा बीज जनित बीमारियां भी नहीं होती, जहां से हम इसे लाते हैं और बिना उपचार के बोते हैं, तो अगर उसमें कोई बीमारी है तो वह किसान खेत में लगी फसल में देखने को मिलेगी, लेकिन बीज उपचार करने से बीज का अंकुरण अच्छा होगा और उसमें कोई बीमारी नहीं लगेगी।
बीज उपचार कैसे करें
बीज उपचार के लिए किसान कार्बेन्डाजिम का इस्तेमाल कर सकते हैं। जिसमें 1 किलो बीज उपचार के लिए 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसमें इसे बीज में मिलाकर एक घंटे के लिए छोड़ दिया जाता है और फिर इस्तेमाल किया जाता है। अगर किसानों के पास कार्बेन्डाजिम नहीं है तो वे मैन्कोजेब के साथ मिलाकर बीज उपचार कर सकते हैं। इसमें बीज को 2 घंटे तक रखा जाता है और फिर बीज को छिड़का जाता है। यह बहुत आसान है, बस आपको इसकी जानकारी होनी चाहिए।
जिसमें कार्बेन्डाजिम एक कवकनाशी है जो कई तरह के फंगल रोगों को रोकता है, वहीं मैन्कोजेब एक स्पेक्ट्रम कवकनाशी है जो कई तरह के फंगल रोगों से फसल को बचाता है। दोनों किसान की मदद करेंगे।