इस 1 दस्तावेज के बिना किसानों को सरकारी योजनाओं का फायदा नहीं मिलेगा, अगर अभी तक नहीं बना है तो बनवा लें

On: Saturday, December 13, 2025 10:20 AM
किसानों के लिए जरूरी दस्तावेज क्या है?

किसान भाइयों को सरकारी योजनाओं का फायदा लेने के लिए कई तरह के दस्तावेज तैयार करने होते हैं। तो आइए आपको एक जरूरी दस्तावेज के बारे में बताते हैं।

किसानों के लिए जरूरी दस्तावेज क्या है?

किसानों को सरकारी योजनाओं का फायदा लेने के लिए अपनी पहचान और अन्य दस्तावेज जमा करने पड़ते हैं। इनमें महाराष्ट्र और गुजरात के किसानों के लिए एक बहुत जरूरी दस्तावेज होता है, जिसके बिना उन्हें कई सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता। यह दस्तावेज इस बात की जानकारी देता है कि किसान के पास कितनी जमीन है, वह कौन-सी खेती करता है और सिंचाई के कौन-से साधनों का इस्तेमाल करता है। यह दस्तावेज सातबारा (7/12 उतारा) है। तो आइए जानते हैं कि इसका अर्थ क्या है और इसमें कौन-कौन सी जानकारी दर्ज रहती है।

सातबारा दस्तावेज क्या है?

7/12 उतारा जमीन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण कागज है, जिसमें दो फॉर्म होते हैं। फॉर्म नंबर 7 में जमीन के मालिक का नाम, हिस्सेदारी और कानूनी अधिकार दर्ज होते हैं, जिससे किसान की पहचान और स्वामित्व की जानकारी मिलती है। फॉर्म नंबर 12 में जमीन का उपयोग किस प्रकार किया जाता है, कौन-सी फसल लगी है, जमीन का प्रकार क्या है, सिंचाई की जानकारी और अन्य कृषि संबंधी विवरण दर्ज होते हैं। इस तरह किसान से जुड़ी संपूर्ण जानकारी सरकार को एक ही दस्तावेज से मिल जाती है। अब जानते हैं कि यह दस्तावेज क्यों जरूरी है।

सातबारा दस्तावेज क्यों जरूरी है?

किसी भी सरकारी योजना के लिए कुछ पात्रता तय होती है कि कौन-से किसान उस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इनमें जमीन से जुड़ी पात्रता भी शामिल होती है। कम और ज्यादा जमीन वाले किसानों को अलग-अलग श्रेणियों में रखा जाता है। सातबारा दस्तावेज के आधार पर सरकार तय करती है कि किन किसानों को योजना का लाभ मिलना चाहिए।

अगर किसान फसल बीमा, पीएम किसान सम्मान निधि, बैंक से कृषि ऋण, प्रशिक्षण, खेती की मशीनों पर सब्सिडी, जमीन से जुड़े कानूनी या बैंक के काम, तालाब निर्माण, सोलर पंप, सिंचाई सिस्टम आदि पर सब्सिडी लेना चाहते हैं, तो सातबारा दस्तावेज जमा करना जरूरी होता है।

सातबारा दस्तावेज कैसे बनता है?

सातबारा दस्तावेज बनवाने के लिए जमीन, फसल और सिंचाई से जुड़ी जानकारी देनी होती है। यह दस्तावेज कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) में जाकर बनवाया जा सकता है। इसके अलावा तहसील या तालुका कार्यालय में भी इसे बनवाया जा सकता है। महाराष्ट्र और गुजरात के किसानों के लिए अलग-अलग सरकारी ऐप भी उपलब्ध हैं, जिनके माध्यम से वे यह दस्तावेज ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं।

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