किसान भाइयों, इस लेख में सब्ज़ी और फल के पौधे लगाने वाली एक ऐसी मशीन की जानकारी देने जा रहे हैं, जो न केवल सस्ती है, बल्कि किसानों को कमरदर्द जैसी समस्याओं से भी राहत दिलाएगी।
सब्ज़ी-फल के पौधे लगाने की मशीन
सब्ज़ी और फल के पौधे लगाने के लिए किसानों को घंटों मेहनत करनी पड़ती है। कई बार झुकने, उठने और बैठने की वजह से कमरदर्द जैसी समस्या हो जाती है। पौधे लगाने के लिए खेत में जगह बनानी पड़ती है, उचित दूरी का भी ध्यान रखना पड़ता है। ये सब चीजें समय लेने वाली और शारीरिक श्रम वाली होती हैं।
लेकिन अब किसानों को सिर्फ खेत तैयार करना होगा, उसके बाद इस मशीन की मदद से सब्ज़ी या फल के पौधे एक सीधी लाइन में आसानी से लगाए जा सकते हैं। यह मशीन एक साथ दो लाइनों में पौधे लगाती है और पौधों के बीच एक समान दूरी बनाए रखती है। इस मशीन का नाम है मानव-चालित सब्ज़ी-फल पौधा लगाने की मशीन। आइए जानते हैं इस मशीन की खासियतें, इसे किसने बनाया है, और कहाँ से खरीदी जा सकती है।
1 मिनट में लगाए 18 पौधे तक
इस मशीन का उपयोग करके एक मिनट में 12 से 18 पौधे खेत में लगाए जा सकते हैं, जिससे काम तेजी से पूरा होता है। यह मशीन डॉ. राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, पूसा के वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई है, जो किसानों के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रही है।
इससे मजदूरों की लागत भी कम होती है और एक ही व्यक्ति पूरे खेत में तेजी से पौधे लगा सकता है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है, यह एक मानव-चालित मशीन है, जिसे चलाने के लिए केवल एक व्यक्ति की ज़रूरत होती है। यह व्यक्ति पैरों से दबाकर पौधों को ज़मीन में लगाता है।
इस मशीन से फल और सब्ज़ी के पौधे आसानी से लगाए जा सकते हैं, जैसे मिर्च, गोभी, बैंगन, टमाटर आदि। नर्सरी में तैयार पौधों को सीधे खेतों में लगाया जा सकता है। इसके लिए खेत को पहले अच्छी तरह से तैयार करना आवश्यक है।

पौधे लगाने की मशीन की कीमत क्या है
अब सवाल आता है कि इस पौधे लगाने की मशीन की कीमत क्या है और इसे कहां से खरीदा जा सकता है। तो बता दें कि इस मशीन की कीमत लगभग ₹1800 बताई जा रही है। इसे खरीदने के लिए किसानों को डॉ. राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, पूसा में संपर्क करना होगा। फिलहाल यह मशीन वहीं से उपलब्ध करवाई जा रही है।
इसलिए यदि फल या सब्ज़ी की खेती करते हैं तो यह मानव-चालित सब्ज़ी-फल पौधा लगाने वाली मशीन आपके लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकती है। किसानों को चाहिए कि वे जल्द से जल्द यूनिवर्सिटी से संपर्क करें और इसका लाभ उठाएं।

नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको ‘काम की खबर’ दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद