आलू के खेत में यूरिया का सही तरह से करें इस्तेमाल। आलू की फसल रबी के सीजन की प्रमुख फसलों में से एक है। फिलहाल आलू की फसलों की बुवाई हो चुकी है। आलू की बुवाई दिसंबर के महीने में कर दी जाती है। फिलहाल इसमें सिंचाई और खाद देने का समय चल रहा है। अब ऐसे में किसानों को इस बात का ज्ञान होना जरूरी है कि उनको कितनी मात्रा में आलू में खाद डालनी चाहिए और किस तरह से इसका इस्तेमाल करना चाहिए जिससे की फसल अच्छी हो और जबरदस्त उत्पादन दे सके। आलू की फसल में यूरिया का खास महत्व होता है। आइए इसके बारे में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
आलू की फसल में यूरिया का इस्तेमाल
आलू की फसल की दिसंबर में बुवाई होने के बाद में जनवरी के महीने में इसकी देखभाल के दौरान इसको यूरिया खाद देना बहुत जरूरी होता है। आज के समय में यूरिया की आलू के फसल को बहुत ज्यादा जरूरत होती है। आलू की फसल में यूरिया डालना इसीलिए जरूरी होता है ताकि इससे फसल से अच्छा उत्पादन मिल सके। अब हम आपको बताते हैं कि आलू की फसल में कितनी मात्रा में यूरिया डालना चाहिए जिससे की फसल अच्छी हो और आलू बड़ी साइज में बन सके।
आलू की फसल में कितनी मात्रा में यूरिया डालना चाहिए
आलू की फसल में यूरिया का इस्तेमाल किस तरह से करना है इस बारे में आपको ज्ञान होना जरूरी है बता दे की आलू के प्रति हेक्टेयर जमीन में 150 किलो यूरिया का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। आपको बता दे की आधी यूरिया बुवाई के समय इस्तेमाल करना चाहिए और बाद में बाकी बची वाली यूरिया एक महीने के बाद देनी चाहिए। बुवाई के लगभग 2 दिन पहले खेत की सिंचाई जरूर कर लेना चाहिए जिससे की फसल का उत्पादन अच्छा मिल सके।
आलू में यूरिया का महत्व
आलू की फसल में यूरिया का बहुत ज्यादा महत्व होता है। आलू की फसल में यूरिया का इस्तेमाल करने से उत्पादन ज्यादा होता है साथ ही इसे आलू का साइज भी बड़ा होता है। आलू की फसल यूरिया का बहुत खास महत्व होता है इससे फसल में कई सारे फायदे देखने को मिलते हैं। इसीलिए यूरिया का इस्तेमाल आलू की फसल में बहुत ज्यादा जरूरी माना जाता है।
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