उड़द और मूंग की खेती करने वाले किसानों के लिए यह एक जरूरी खबर है। अगर खेत में पीला मोज़ेक रोग (Yellow Mosaic Virus) के लक्षण दिख रहे हैं, तो आपको यह जानकारी पूरी तरह पढ़नी चाहिए।
उड़द-मूंग में पीला मोज़ेक रोग
इस सीज़न में कई किसान उड़द-मूंग की खेती कर रहे हैं। कुछ किसानों की यह शिकायत है कि उनकी फसल में पीला मोज़ेक रोग के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। यह एक खतरनाक रोग है, जिससे फसल का उत्पादन घट जाता है और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
इस रोग से प्रभावित फसल की प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे फलियाँ कम बनती हैं और उनका आकार भी छोटा हो सकता है। अंत में, उत्पादन में गिरावट आती है।
पीला मोज़ेक रोग के लक्षण
- अगर खेत में पीला मोज़ेक रोग का खतरा है, तो शुरुआत में फसल की पत्तियों पर पीले रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। धीरे-धीरे ये धब्बे पूरी पत्ती को पीला कर देते हैं। इसके बाद पत्तियाँ सूखने और कमजोर होने लगती हैं।
- यह रोग विषाणु जनित होता है और इसे खेत में फैलाने का कार्य सफेद मक्खी करती है। यह मक्खी वायरस को चूस लेती है और फिर उसे दूसरे पौधों में छोड़ देती है, जिससे रोग पूरे खेत में फैल जाता है। आइये अब जानते हैं कि कृषि वैज्ञानिक इसके लिए क्या सलाह देते हैं।
कृषि वैज्ञानिक की सलाह से बचाएँ फसल
कृषि विशेषज्ञों द्वारा दी गई सलाह के अनुसार जानिये उड़द या मूंग की फसल में पीला मोज़ेक रोग हो जाये तो क्या करें-
- प्रभावित पौधों का इंतजाम करें: सबसे पहले ऐसे पौधों को खेत से निकालकर किसी गड्ढे में दबा दें। इससे रोग अन्य पौधों तक नहीं फैलेगा।
- सफेद मक्खी का उपाय करें: अगर खेत में मक्खियों की संख्या बहुत अधिक हो रही है, तो इसे नियंत्रित करना ज़रूरी है। इसके लिए कीटनाशकों का छिड़काव करें।
- कीटनाशक छिड़काव की मात्रा: एक हेक्टेयर खेत में छिड़काव के लिए 700 लीटर पानी में 1 लीटर डाइमेथोएट 30 प्रतिशत EC कीटनाशक मिलाएँ। यह सफेद मक्खियों का हटाने में मदद करेगा और रोग के प्रसार को रोकेगा।
- खेत की निगरानी करें: समय-समय पर खेत का निरीक्षण करते रहें। अगर किसी प्रकार की समस्या दिखे तो तुरंत कृषि विशेषज्ञ से संपर्क करें।