अगर फलों की खेती करते हैं और पेड़ों पर कीट लग जाते हैं जिसके बाद आप छिड़काव करते हैं तो आपके लिए खुशखबरी है, सरकार इसका खर्च उठाएगी-
आम, अमरूद और लीची की खेती में कीट की समस्या
आम, अमरूद, लीची के साथ-साथ केला और पपीता की खेती में भी किसानों को मुनाफा होता है। ये फल सेहत के लिए फायदेमंद होने के साथ ही स्वादिष्ट भी होते हैं। ये ग्राहकों को अच्छे दामों पर उपलब्ध होते हैं, जिसके कारण बाजार में इनकी मांग बनी रहती है, लेकिन किसानों को इनकी खेती में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
जिसमें एक बड़ी समस्या यह है कि अगर कीट उनमें छेद कर देते हैं तो वह फल बिकने लायक नहीं रह जाता, उसकी गुणवत्ता खराब हो जाती है, जिससे किसान निराश हो जाते हैं, लेकिन अब किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है, सरकार उन्हें इसके लिए सब्सिडी देगी, जिससे कीट प्रबंधन आसान हो जाएगा।

कीट प्रबंधन के लिए 75% तक सब्सिडी
बिहार राज्य सरकार किसानों को कीट प्रबंधन के लिए 50 रुपये से लेकर 75% तक सब्सिडी दी जा रही है। जिसमें किसानों को कीट प्रबंधन योजना के तहत हर छिड़काव के लिए अलग-अलग सब्सिडी मिलेगी। एक पौधे पर तीन बार छिड़काव के लिए पैसे दिए जाएंगे, जिसमें आम के लिए पहले छिड़काव के लिए 57 रुपये, दूसरे छिड़काव के लिए 72 रुपये और तीसरे छिड़काव के लिए 112 रुपये दिए जाएंगे। यह एक पेड़ के हिसाब से बताया जा रहा है।
इसके अलावा अगर लीची की बात करें तो पहले छिड़काव में 162 रुपये, दूसरे छिड़काव में 114 रुपये और तीसरे छिड़काव में 84 रुपये दिए जाएंगे। कुल मिलकर प्रति पेड़ 360 रुपये मिलेंगे।
वहीं अगर किसान अमरूद की खेती कर रहे हैं तो उन्हें छिड़काव के लिए भी सब्सिडी मिल रही है जिसमें पहले छिड़काव के लिए ₹33, दूसरे छिड़काव के लिए ₹45 और तीसरे छिड़काव के लिए 56 रुपये दिए जाएंगे। इस तरह छिड़काव में होने वाले खर्च में सरकार की ओर से किसानों को मदद मिलेगी।
अन्य फलों में छिड़काव के लिए सब्सिडी
आम, लीची, अमरूद के अलावा केला और पपीता की खेती करने वाले किसान भी छिड़काव के लिए सब्सिडी पा सकते हैं, जिसमें केला और पपीता के पौधों के लिए 50% सब्सिडी दी जा रही है, जिसमें 1 एकड़ के हिसाब से पहले छिड़काव के लिए ₹2150 दिए जाएंगे। दूसरे छिड़काव के लिए ₹2000 दिए जाएंगे। यह प्रति पौधा नहीं बल्कि प्रति एकड़ है। लाभ उठाने के लिए किसान डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं।
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