Turmeric Farming: पीले सोने की खेती से चमक रही किसानों की तिजोरी, इस तरह उगाएं कम खर्चे में ज्यादा कमाई देने वाली फसल

Turmeric Farming: पीले सोने की खेती से चमक रही किसानों की तिजोरी, इस तरह उगाएं कम खर्चे में ज्यादा कमाई देने वाली फसल।

पीले सोने की खेती

आज हम आपको एक औषधीय, मसाले वाली फसल खेती की जानकारी देने वाले हैं। जिससे आप कम खर्चे में ज्यादा कमाई कर सकते हैं और वह किसान जो कुछ नया करना चाहते हैं तो इस खेती में हाथ आजमा सकते हैं। दरअसल हम बात कर रहे हैं हल्दी की खेती के बारे में। जिसे पीले सोने का भी दर्जा दिया जाता है। हल्दी की डिमांड साल भर में हर घर में हर दिन होती है। जिसकी वजह से इसकी अच्छी खासी कीमत मिलती है।

हल्दी का इस्तेमाल सिर्फ खाने में नहीं औषधि रूप से और भी कई तरीके से किया जाता है। इसलिए इसकी डिमांड बहुत ज्यादा रहती है। तो चलिए जानते हैं हल्दी की खेती में किसानों को क्या फायदा है और हल्दी की खेती काम कैसे की जाती है।

हल्दी की खेती में फायदा

हल्दी की खेती में किसानों को फायदा है तभी तो उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के कई किसान बीते 2 सालों से हल्दी की खेती कर रहे हैं और इसमें वह बताते हैं कि खर्चा कम आता है। लेकिन अन्य फसलों के मुकाबले इसमें ज्यादा उन्हें कमाई होती है। इसीलिए 2 सालों से लगातार हल्दी की खेती करते आ रहे हैं। हल्दी की खेती से किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं। इसके अलावा पर्यावरण में संतुलन भी हल्दी की खेती से बैठ रहा है तो चलिए जानते हैं वह कैसे हल्दी की खेती कर रहे हैं।

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हल्दी की खेती कब कैसे होती है

हल्दी की खेती किसान भाई एक बार जानकारी प्राप्त करके कर सकते हैं। जिसमें 15 मई से 15 जून के बीच हल्दी की खेती करते हैं। 1 एकड़ में अगर आप हल्दी की खेती करेंगे तो करीब 10 कुंटल बीज लगेगा। 8 से 10 महीने की यह फसल होती है। जिसमें किसानों भाइयों को दो से तीन बार निराई गुड़ाई के अलावा अन्य काम भी करवाने पड़ते हैं। मेड़ विधि से इसकी खेती कर सकते है। मेड़ 4 फिट की दूरी में हो, उसकी चौड़ाई 3 फिट और ऊंचाई एक डेढ़ फिट रखे।

हल्दी की खेती में लागत और कमाई

हल्दी की खेती में आने वाली लागत की पहले बात कर लेते हैं तो इसमें बीज, खाद, बेसल डोज, लेबर आदि का खर्चा आता है। जिसमे ₹25000 बीच का खर्चा होता है, 4000 खेत तैयार करने में, जोताई में ट्रैक्टर आदि का खर्चा, बेसल डोज में 2000, मजदूर की निराई गुड़ाई यह सब में 15000, इसके अलावा अन्य पर खर्च सिंचाई आदि के आ जाते हैं तो कुल मिलाकर 55 से 59 हजार रुपए खर्च होते हैं।

लेकिन इससे कमाई की बात करें तो 50 से लेकर 100 क्विंटल उत्पादन होता है। जिसमें मान लीजिए की 18 क्विंटल सूखी हल्दी निकल रही है जिसमें औसतन कीमत ₹6000 प्रति क्विंटल भी लगाई जाए तो 108000 इससे कमाई होगी। लेकिन अगर सूखी हल्दी का पाउडर आप बेंचते हैं तो 144000 इससे कमाए जा सकते हैं।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद