धान की खेती से अंधाधुंध उत्पादन और तेजी से आमदनी चाहते हैं तो यहां जानें बुवाई, पानी और खाद की जानकारी, ताकि धान के विशेषज्ञ बन जाएं

On: Friday, May 9, 2025 9:00 PM
धान की खेती

जल्द ही धान की खेती शुरू करने जा रहे हैं तो आइए इस लेख में जानते हैं कि धान की खेती कैसे करें, खाद, पानी, और रोपण आदि की जानकारी।

धान की खेती

चावल की मांग साल भर रहती है, लगभग हर व्यक्ति चावल का सेवन करता है, ऐसे में किसानों को चावल की खेती में मुनाफा होता है, सरकार भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदती है, जिससे किसानों को उचित मूल्य मिलता है। धान की खेती लंबे समय से की जा रही है, इसलिए अच्छा अनुभव है, लेकिन कुछ किसान नए हैं और कुछ किसान ऐसे हैं जिन्हें सही तरीका न पता होने के कारण कम उत्पादन मिल रहा है। इसलिए अगर आप इस साल धान का उत्पादन बढ़ाना चाहते हैं तो नीचे लिखे कुछ बिंदुओं के आधार पर समझते हैं कि धान की खेती से अधिक उत्पादन कैसे प्राप्त करें, किन बातों का ध्यान रखें।

दो से तीन बार जुताई करें

धान की खेती करने के लिए सबसे पहले आपको खेत की दो से तीन बार अच्छी तरह जुताई करनी चाहिए, जमीन को समतल बनाना चाहिए, मिट्टी को ढीला करना चाहिए, इससे अच्छी फसल होगी।

अंतिम जुताई से पहले खाद

इसके बाद अंतिम जुताई से पहले खेत में खाद डालनी होगी। अगर आप जैविक खेती करते हैं तो आप गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट खाद डाल सकते हैं, इससे खेत की मिट्टी उपजाऊ हो जाएगी। अगर मिट्टी में कोई कमी है तो उसे उपजाऊ बनाने के लिए आप फसल चक्र भूमि सुधार या अंतर रोपण तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप मिट्टी की जांच करके भी पता लगा सकते हैं कि किन पोषक तत्वों की कमी है, आप उसी के हिसाब से खाद डाल सकते हैं।

धान की खेती में पानी

धान की खेती में पानी की ज्यादा जरूरत होती है। जब आप रोपाई करें तो ध्यान रखें कि खेत में 2.5 सेंटीमीटर पानी हो तो बेहतर रहेगा। इसके बाद कहा जाता है कि रोपाई के बाद 15-20 दिनों तक खेत में करीब 3 से 5 सेंटीमीटर पानी रहना चाहिए। इसके अलावा किसानों को शाम के समय सिंचाई करनी चाहिए। फसल किस स्टेज पर है उसके आधार पर पानी दें अगर अंकुर निकल रहा है तो 5 से 6 सेंटीमीटर पानी, फूल या दाना बन रहा तो 5 से 7 सेंटीमीटर पानी खेत में रखे फिर देखेंगे फसल कितनी अच्छी होती है।

कब करें सीधी बुवाई

अगर आप सीधी बुवाई करके धान की खेती करना चाहते हैं तो आपको मानसून आने से 10-12 दिन पहले सीधी बुवाई कर लेना चाहिए। मौसम विभाग से आपको मानसून आने के समय की जानकारी मिल जाएगी। इसके अलावा जब पौधे 25 से 30 दिन के हो जाएं तो रोपाई कर देनी चाहिए।

धान की बुवाई

अगर आप धान की सीधी बुवाई कर रहे हैं तो प्रति एकड़ 8 से 10 किलो बीज की जरूरत होती है। सीधी बुवाई के लिए दो लाइनों के बीच की दूरी 9 इंच रखी जा सकती है। बीज की गहराई की बात करें तो अगर आप 1.5 से 2 इंच की गहराई पर बुवाई करते हैं तो अच्छा अंकुरण होता है।

यह भी पढ़े- 1 एकड़ से 4 लाख तक की कमाई, एक बार लगाएं और 20 साल तक कमाएं, जानें सिंदूर की खेती से किसान कैसे बनेंगे मालामाल

धान की खेती में रासायनिक खाद

अगर आप रासायनिक खाद का इस्तेमाल करते हैं तो मात्रा की बात करें तो बुवाई के समय एक हेक्टेयर में 50-60 किलो डीएपी दिया जा सकता है. वही यूरिया, 10 दिन बाद दिया जाता है जिसमें प्रति हेक्टेयर 22 किलो यूरिया मिलाया जाता है. जिंक सल्फेट का छिड़काव भी अच्छा लाभ देता है. सूक्ष्म पोषक तत्व डालकर भी उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।

धान के बीजों का उपचार

किसानों को बुवाई से पहले धान के बीजों का उपचार कर लेना चाहिए. धान के बीजों का उपचार करने से फसल को फफूंद जनित बीमारियों से बचाया जा सकता है. फसल कीटों से भी सुरक्षित रहती है. अंकुरण बेहतर होता है. बीजों के उपचार की कई विधियां हैं, जैसे सूखा बीज उपचार, जिसमें बीजों पर फफूंदनाशकों का छिड़काव किया जाता है. भीगा भी है जिसमें बीजों को फफूंदनाशक में भिगोया जाता है. इसके अलावा सुखाने की विधि भी उपयोगी है जिसमें बीजों को फफूंदनाशक में भिगोया जाता है और फिर सुखाकर खेती की जाती है।

यह भी पढ़े- पानी की टेंशन नहीं, किसान गर्मियों में उगा सकते हैं ये 5 फसलें, कम पानी में देती हैं बंपर पैदावार, जानिए ग्रीष्मकालीन फसलों की खेती के बारे में

Leave a Comment