इस लेख में आपको करेले के पौधे से अधिक फल प्राप्त करने के तरीके बताए गए हैं, जिसमें आपको ज्यादा खर्च भी नहीं करना पड़ेगा।
करेले की देखभाल
करेला सेहत के लिए फायदेमंद होता है, लोग इसे छत पर गमले में, ग्रो बैग में या फिर जमीन पर भी लगा सकते हैं। अगर आप ग्रो बैग में लगा रहे हैं तो कम से कम 18*18 इंच के ग्रो बैग में लगाएं। गमला छोटा होगा तो फूल भी कम आते हैं, फल भी छोटे होते हैं, फलों की संख्या भी कम होती है। आइए अब उन बातों के बारे में जानते हैं, जिनका ध्यान रखकर करेले के पौधे से अधिक फल लिए जा सकते हैं।
समय पर परागण करें
परागण का काम मधुमक्खियां करती हैं, लेकिन अगर मधुमक्खियां या ऐसे ही कोई अन्य कीट परागण नहीं कर रहे हैं और करेले की बेल से फल छोटे में गिर रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में आप हाथ से परागण कर सकते हैं, जिसके लिए आपको मादा फूल के बीच में पीले हिस्से में नर फूल को छूआना होगा। नर फूल वह है जिसके पीछे फल नहीं होता है, उसे आप तोड़ सकते है। जबकि मादा मक्खी वह होती है जिसके पीछे फल बनता है जो बाद में बड़ा हो जाता है।

फ्रूट फ्लाई ट्रैप
सब्जियों के पौधों में भी फल मक्खी का आतंक है, जिससे यह फलों को सड़ाने के साथ ही फूलों को भी मार देती है, इसलिए अगर आप सब्जी में फ्रूट फ्लाई ट्रैप लगाते हैं, तो कीटों पर भी इसका असर नहीं होता है।
करेले के लिए 4 खाद
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानें करेले में कौन सी खाद डालें-
- कैल्शियम की पूर्ति की जरूरत होती है, जिसके लिए आप महीने में एक बार मिट्टी में चाक या चूना मिला सकते हैं। चाक की बात करें तो आप दो चम्मच, चूना भी दो चम्मच ही ले सकते हैं। अगर ये दोनों चीजें उपलब्ध न हों तो आप अंडे के छिलकों को पीसकर भी डाल सकते हैं।
- हर 20 दिन में गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट खाद मिट्टी में मिलाना चाहिए। गोबर की खाद 2 साल पुरानी होनी चाहिए।
- इसके साथ ही आप दो चम्मच माइक्रोन्यूट्रिएंट्स यानी सीवीड खाद दे सकते हैं जिसमें सभी तरह के पोषक तत्व होते हैं।
- एक चम्मच सरसों की खली लें और उसे पीसकर पानी में भिगो दें। अगले दिन आप इसे मिट्टी में डाल सकते हैं। ऐसा आप महीने में एक बार कर सकते हैं। इससे पौधों को पोषण भी मिलता है और फल भी ज्यादा मिलते हैं।
गर्मी के समय में सर्दी के मुकाबले खाद कम मात्रा में देनी चाहिए।