धान की खेती से बंपर उत्पादन लेने के लिए विशेषज्ञ ने बताया कब-कितनी-कैसे खाद डालनी चाहिए, जिससे फसल होगी शानदार

धान की खेती से अधिक उत्पादन लेने के लिए किसानों को सही मात्रा में सही समय पर, खाद डालना चाहिए तो चलिए जानें कौन-कौन सी खाद कब, कितनी, मात्रा में देनी चाहिए-

धान की पैदावार बढ़ाने के लिए खाद

धान की पैदावार बढ़ाने के लिए किसान भाई लंबे समय से खाद का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। जिसमें कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि धान की फसल में जिन खाद का किसान इस्तेमाल करते हैं उन्हें सही समय भी डालना चाहिए नहीं तो उत्पादन घट सकता है। अगर गलत समय पर खाद देंगे तो इससे खाद का खर्च बढ़ेगा और फसल पर इसका असर भी नहीं दिखाई पड़ेगा।

जिससे किसानों की मेहनत और लागत दोनों ही बर्बाद होगी। इसीलिए यहां पर आज कृषि पदाधिकारी के अनुसार जानेंगे कि धान की फसल में कौन-कौन सी खाद कब डालनी चाहिए तो चलिए सबसे पहले हम खाद के बारे में जान लेते हैं।

खाद के नाम और फायदे

धान की फसल में किसान डीएपी, पोटाश के अलावा यूरिया, नैनो यूरिया और जिंक, बोरान जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। जिससे उत्पादन भी अधिक मिलेगा। लेकिन अगर किसान के खेत की जमीन उपजाऊ है, तो डीएपी, पोटाश, यूरिया, नैनो यूरिया के इस्तेमाल से भी अच्छी फसल ले सकते हैं, तो चलिए आपको बताते हैं इस्तेमाल करने का समय क्या है।

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खाद कब डालना है

धान की खेत में खाद डालने के लिए कुछ समय भी निर्धारित किए जाते हैं जैसे कि जब धान का खेत रोपाई के लिए तैयार कर रहे हैं तो अंतिम जुताई से पहले डीएपी और पोटाश का खेत की मिट्टी में मिला देना चाहिए। इससे क्या होता है कि यह खाद मिट्टी में अच्छे से घुल जाती है और उसके बाद जब रोपाई होती है तो पौधे को पोषण मिलता है।

लेकिन कुछ किसान ऐसा करते हैं की रोपाई के बाद खाद का छिड़काव करते हैं, जिससे फसल अच्छे से अवशोषित नहीं कर पाती, और खाद का किसान को फायदा नहीं मिलता है। इसलिए पहले ही डालना चाहिए और फिर अगर पानी भी गिर जाता है तो भी किसान को फायदा होता है।

मात्रा की बात करें तो एक बीघा जमीन में 10 किलो पोटाश ले सकते हैं। इसके अलावा अगर किसान यूरिया और नैनो यूरिया का इस्तेमाल करते हैं तो उसका भी एक समय रोपाई के लगभग 20 से 25 दिन बाद किसान भाई यूरिया का इस्तेमाल कर सकते हैं। नैनो यूरिया डाल रहे हैं तो 35 से 40 दिन बाद डालना चाहिए। क्योंकि यह एक तरल खाद होती है जो कि आसानी से घुल जाती है इसलिए इसे देरी में दे सकते है।

इस तरह धान के किसान अगर डीएपी, यूरिया, पोटाश और नैनो यूरिया डालते है तो फसल को कई फायदे होते हैं। ये खादें पौधों के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती हैं, जिससे पैदावार बढ़ती है और फसल स्वस्थ रहती है। लेकिन धान की फसल में खाद डालने का समय का भी ध्यान रखे।

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