गेहूं के कई सारी किस्में पाई जाती है। इन किस्म में से कुछ ही किस्मे में ऐसी होती है जिनके गुणवत्ता अच्छी होती है साथ ही उत्पादन की क्षमता अच्छी होती है और इन किस्म से किसानों को मुनाफा भी अच्छा होता है। आज हम आपको ऐसी एक नई किस्म के बारे में बताने जा रहे हैं। इस किस्म का नाम WH 1270 और WH 1402 है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा इन दोनों नई किस्म को विकसित किया गया है।
WH 1270 की खासियत
मिट्टी और बीज की मात्रा कितनी होनी चाहिए
इस नई किस्म WH 1270 को उत्तर पश्चिम क्षेत्र के लिए सबसे उपयुक्त कहा जाता है। इतना ही नहीं गेहूं किया किम कम सिंचाई के बाद भी अच्छा उत्पादन देती है। अगर आप इसकी बुवाई करते हैं तो प्रति एकड़ लगभग 40 किलो बीज की जरूरत पड़ेगी। लगभग यहां प्रति एकड़ 80 से 85 मन तक का उत्पादन देती है।
खाद की मात्रा कितनी चाहिए
गेहूं की यह नई किस्म रोग प्रतिरोधक से भरपूर होती है। इसमें अगर खाद की बात करें तो बीज बोने के बाद खेतों में 1.5 बाग डीएपी डालना जरूरी होता है।
WH 1402 किस्म की खासियत
मिट्टी और बीज की मात्रा कितनी होनी चाहिए
गेहूं की इस नई किस्म को रेतीली मिट्टी पर बोया जा सकता है। इस किस्म से रेतीली मिट्टी पर अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है एक एकड़ जमीन में आप लगभग 40 किलो बीज बो सकते हैं साथ ही इसकी बुवाई आप 10 नवंबर तक कर सकते हैं।
सिंचाई और खाद की मात्रा कितनी होनी चाहिए
गेहूं की इस नई किस्म को कम सिंचाई में भी अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है साथ ही इसमें खाद की मात्रा कम होनी चाहिए जिसमें गोबर खाद भी मिलाया जा सकता है। इसके साथ ही यह किस्म रोग प्रतिरोधक होती है। और इस किस्म में पेस्टिसाइड का छिड़काव जरूरी नहीं है।