किसानों में मची अफरा-तफरी, टमाटर की ये वैरायटी 19 किलो देगी उपज, कीटनाशक का भी बचेगा पैसा, जानिए कौन सी है वैरायटी

किसानों में मची अफरा-तफरी, टमाटर की ये वैरायटी 19 किलो देगी उपज, कीटनाशक का भी बचेगा पैसा, जानिए कौन सी है वैरायटी। किसानों के लिए बड़ी खबर। आ गई 19 किलो उपज देने वाली धमाकेदार टमाटर की वैरायटी। चलिए जानते हैं इस वैरायटी के बारें में पूरी जानकारी।

अधिक उपज देने वाली टमाटर की किस्म

आज हम टमाटर के जिस वैरायटी के बात करने जा रहे हैं वह कोई समान्य टमाटर नहीं है बल्कि उसे विकसित किया गया है। जी हां आपको बता दे कि इसे विकसित, भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान द्वारा किया गया है। जो कि अब तक की सबसे ज्यादा उपज देने वाले टमाटर की वैरायटी है। जिससे किसान कम समय में मालामाल हो सकते हैं, और इसमें खर्च भी कम आएगा /क्योंकि इसमें किसानों को कीटनाशक में ज्यादा पैसा नहीं खर्च करना पड़ेगा। चलिए आपको बताते हैं इस वैरायटी का नाम और खासियत।

टमाटर की ये वैरायटी 19 किलो देगी उपज

टमाटर के इस धमाकेदार वैरायटी का नाम भारतीय अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने इसे विकसित करने के बाद रखा। जिसका नाम उन्होंने अपने पास की नदी अर्कावथी पर रखा है। यानी कि इस टमाटर का नाम है ‘अर्का रक्षक’। इस तरह यह प्रदेश की सबसे ज्यादा उपज देने वाली टमाटर की वैरायटी है। जैसा कि आप जानते होंगे अभी तक 15 किलो तक उपज देने वाली संकर प्रजाति थी।

लेकिन अब इससे भी ज्यादा उपज यानी की 19 किलो रिकॉर्ड तोड़ उपज देने वाली अर्का रक्षक वैरायटी आ गई है। आपको बता दे कि कर्नाटक में इस टमाटर का प्रति हेक्टेयर उत्पादन क्षमता 190 टन है। जो कि अब तक की सबसे ज्यादा उत्पादन क्षमता वाले टमाटर की वैरायटी है। चलिए जानते हैं इस टमाटर में कीटनाशक का खर्चा क्यों नहीं आएगा।

किसानों में मची अफरा-तफरी, टमाटर की ये वैरायटी 19 किलो देगी उपज, कीटनाशक का भी बचेगा पैसा, जानिए कौन सी है वैरायटी

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कम खर्चे में होगी खेती

अगर किसान किसी ऐसे वैरायटी के टमाटर की खेती करना चाहते हैं जिसमें खर्चा कम आये मगर कमाई और उपज ज्यादा मिले, तो अर्का रक्षक टमाटर की खेती कर सकते हैं। क्योंकि इस टमाटर में रोगों से लड़ने के प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा है। आपको बता दे कि इस किस्म के टमाटर का जो पौधा रहेगा उसमें तीन प्रकार के रोग से लड़ने की क्षमता अन्य टमाटर के पौधो से ज्यादा है।

इसकी जो पत्तियां रहेंगी उनमें विल्ट जीवाणु, कर्ल वायरस इसके अलावा शुरुआत में जो विल्ट जीवाणु लगते हैं उनसे यह आसानी से लड़कर बच सकता है। यानी कि जल्दी इन्हें कोई दिक्कत नहीं आएगी। इस तरह किसानों को जो कवक और कीटनाशक पर खर्च करना पड़ता है वह बच जाएगा। जिसमें एक्सपर्ट्स का मानना है कि टमाटर की इस वैरायटी में किसानों को 10% तक कम खर्च आएगा। यानी कि यह फसल किसानों को कम खर्चे में ज्यादा उपज देगी। चलिए जानें इसमें आने वाले खर्चे के बारें में।

निवेश और कमाई

टमाटर की इस किस्म की खेती करके किसानों को तगड़ा मुनाफा हो रहा है। जी हां आपको बता दे की इस वैरायटी की खेती किसान वर्षों पहले से कर रहे हैं, और उन्हें इससे ज्यादा उत्पादन मिल रहा है। जिसमें एक किसान ने जब एक एकड़ में इस टमाटर की खेती की तो उन्हें इससे 38 टन टमाटर मिला। जो कि दूसरे हाइब्रिड टमाटरों की तुलना में 18 टन ज्यादा था।

इस तरह आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इसकी खेती में कितना ज्यादा फायदा है। जिसमें उन्होंने निवेश और कमाई की जानकारी दी। तो बता दे कि जब उन्होंने आज से कई वर्षों पहले 2012-13 में इसकी खेती की थी तो उन्हें 38 टन की उपज मिली, जिसमें उनका निवेश ₹80000 ही था और कमाई 3 लाख 80 हजार के करीब, लेकिन तब उन्होंने 5 से 11 रुपए प्रति किलो ही टमाटर बेंचा था। तो आज की महंगाई के अनुसार अगर आप इसका हिसाब लगाते हैं तो समझ सकते हैं कि इससे किसानों को कितना ज्यादा फायदा है।

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