बाजार की खेती के लिए ये किस्म उच्च गुणवत्ता और अच्छे से उत्पादन देने वाली होती है इस किस्म में पोषक तत्वों का जबरदस्त स्रोत होता है।
बंपर उत्पादन देती है बाजरा की ये किस्म
बाजरा की खेती कम लागत में ज्यादा कमाई करने का एक अच्छा विकल्प है इसकी खेती से न केवल अनाज प्राप्त होता है बल्कि पशुओ के लिए अच्छा पौष्टिक चारा भी प्राप्त होता है बाजरा की ये किस्म जोगिया रोग के प्रतिरोधी होती है इस किस्म की खासियत ये है की ये किस्म 73 पीपीएम आयरन और 41 पीपीएम जिंक से भरपूर होती है इसलिए इसकी मांग बाजार में अधिक होती है। हम बात कर रहे है बाजरे की एएचबी 1200 किस्म की खेती की ये बाजरा की एक संकर किस्म है जो खरीफ के मौसम में उगाई जाती है।

बाजरे की एएचबी 1200 किस्म
बाजरे की एएचबी 1200 किस्म में आयरन की मात्रा अधिक होती है जो इसे एक पौष्टिक विकल्प बनाती है इसकी खेती के लिए उचित जल धारण क्षमता वाली बलुई दोमट या दोमट मिट्टी सबसे उत्तम मानी जाती है। इसकी बुवाई से पहले खेत को 10-12 सेंटीमीटर गहरा जोतने के बाद 2-3 बार हल्की जुताई करना चाहिए और मिट्टी में पोषक तत्व से भरपूर पुरानी कम्पोस्ट या गोबर की खाद डालना चाहिए बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर 4-5 किलोग्राम बीज पर्याप्त होता है। इसकी खेती में पंक्तियों में 45-50 सेमी की दूरी और पौधों से पौधों की दूरी 40-45 सेमी रखनी चाहिए। बुवाई के बाद बाजरे की एएचबी 1200 किस्म की फसल करीब 78 से 80 दिनों में पककर कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
उत्पादन क्षमता
बाजरे की एएचबी 1200 किस्म की खेती से बहुत अधिक और उच्च गुणवत्ता वाली पैदावार मिलती है एक एकड़ में बाजरे की एएचबी 1200 किस्म की खेती करने करने से लगभग 10-12 क्विंटल अनाज 20-30 क्विंटल चारा प्राप्त होता है बाजरे की एएचबी 1200 किस्म सूखा प्रतिरोधी और अच्छे फुटाव वाली है। आप इसकी खेती से बहुत अच्छी कमाई कर सकते है। बाजरे की एएचबी 1200 किस्म की खेती बहुत लाभदायक होती है।
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