कम दिनों में खेती से अच्छी कमाई करने के लिए लौकी की ये किस्म बहुत आदर्श होती है। इसकी बिक्री बाजार में बहुत तेजी से होती है।
बंपर मुनाफे की फसल है लौकी की ये नस्ल
खेती किसानों के जीवन का सबसे महत्वूर्ण हिस्सा है सब्जी, फल, फूल, जैसी कई अन्य फसलों की खेती से किसानों का घर चलता है। सब्जियों की खेती में लौकी की खेती करना कुछ किसान बहुत पसंद करते है। लौकी की मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है आज हम आपको लौकी की एक अच्छी गुणवत्ता वाली रोग प्रतिरोधक किस्म के बारे में बता रहे है इस किस्म की खास बात ये है की ये दूसरी किस्मों के मुकाबले कम दिनों में तैयार हो जाती है। ये किस्म किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है। हम बात कर रहे है लौकी की वीएनआर हारुना किस्म की खेती की ये एक हाइब्रिड किस्म है जो अपने लंबे, बेलनाकार, चिकने और हरे रंग के फलों के कारण मार्केट में अच्छी कीमत पाती है। तो चलिए इसकी खेती के बारे में थोड़ा विस्तार से जानते है।

लौकी की वीएनआर हारुना किस्म
लौकी की वीएनआर हारुना किस्म व्यावसायिक खेती के लिए एकदम उपयुक्त होती है। इसकी खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली जीवांश युक्त रेतीली दोमट मिट्टी आदर्श मानी जाती है। मिट्टी में जैविक पदार्थ जैसे गोबर की खाद की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए इसके बीज आपको बाजार में बीज भंडार की दुकान में आसानी से मिल जायेंगे। बुआई के लिए प्रति एकड़ लगभग 800 ग्राम से 1.5 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बुआई के लिए पंक्तियों के बीच करीब 7 फीट और पौधों के बीच 2.5 फीट की दूरी रखनी चाहिए। बुआई के बाद लौकी की वीएनआर हारुना किस्म फसल पहली तुड़ाई के लिए करीब 42-45 दिनों में तैयार हो जाती है।
उत्पादन और मुनाफा
लौकी की वीएनआर हारुना किस्म की खेती से बहुत बंपर उत्पादन और जबरदस्त मुनाफा देखने को मिलता है इस किस्म की लौकी लगभग 25-30 सेंटीमीटर लंबी और 700-800 ग्राम तक वजन की होती है। इसके आकर्षक रंग और आकार के कारण बाजार में अच्छी कीमत मिलती है एक एकड़ में लौकी की वीएनआर हारुना किस्म की खेती करने से लगभग 200 से 222 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है अगर ये बाजार में 10 रूपए किलो एक हिसाब से भी बिकती है तो आप इसकी खेती से 2 लाख से 2.5 लाख रूपए के आस पास की कमाई आराम से कर सकते है।