पानी में उगने वाला ये फल मार्केट में नवरात्री से लेकर दिवाली तक में बहुत डिमांड में रहता है। इसका सेवन व्रत में भी किया जाता है तो चलिए जानते है कौन सा फल है।
दो सींग वाला ये जलीय फल
ये फल जिसका छिलका बाहर से कठोर लाल रंग का होता है और अंदर सफेद गूदा होता है जो खाने में बहुत ज्यादा स्वादिष्ट होता है। इसकी खेती तालाब, पोखर और पानी से भरे खेतों में होती है ये फल साल में सिर्फ 2 से 2.5 महीने में ही बाजार में बिकता है। इसकी कीमत बाजार में अच्छी मिलती है इसके आटे से कई फलहारी व्यंजन बनाये जाते है। इसमें पोषक तत्व बहुत ज्यादा मात्रा में पाए जाते है जो सेहत के लिए बहुत जरुरी होते है। इसका सेवन जरूर करना चाहिए। हम आपको लाल सिंघाड़ा के बारे में बता रहे है इसे रेड वाटर चेस्टनट भी कहते है। तो चलिए इसकी खेती से जुडी कुछ बातें जानते है।

लाल सिंघाड़ा की खेती
लाल सिंघाड़ा की खेती व्यावसायिक रूप से की जा सकती है इसकी खेती के लिए तालाब में पानी 1–1.5 मीटर गहराई तक होना चाहिए। इसके पौधे इस किस्म के बीजों से लगाए जाते है। इसके पौधे तैयार करने के लिए सबसे पहले अच्छी गुणवत्ता वाले बीज से नर्सरी तैयार की जाती है। नर्सरी में पौधों को लगभग 300 मिमी लंबा होने तक विकसित किया जाता है फिर उन्हें मुख्य तालाब में रोपा जाता है। इसकी खेती के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु सबसे आदर्श होती है। इसकी खेती के लिए तालाब में पानी लगातार बना रहना चाहिए। लाल सिंघाड़े की फसल लगभग 4 से 5 महीने में तैयार हो जाती है।
बंपर होगा उत्पादन
लाल सिंघाड़ा की खेती से एक सीजन में ही जबरदस्त मोटी कमाई हो जाती है एक हेक्टेयर लाल सिंघाड़ा की खेती करने से 100-120 क्विंटल का उत्पादन होता है आप इसकी खेती से लाखों रुपए का मुनाफा आराम से कमा सकते है। लाल सिंघाड़ा मार्केट में बहुत डिमांडिंग होता है इसकी खेती जरूर करना चाहिए इससे कई लाभ मिलते है।

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