कांटेदार दिखने वाला यह फल मार्केट में बिकता है धड़ल्ले से, जाने कैसे होगी इससे लाखो में कमाई। पाइनएप्पल एक उष्णकटिबंधीय फल है, जिसकी खेती मुख्य रूप से गर्म और आर्द्र जलवायु वाले क्षेत्रों में की जाती है। यह एक बहुवर्षीय फसल है, जिसे मुख्य रूप से फल उत्पादन के लिए उगाया जाता है। आइए पाइनएप्पल की खेती के बारे में विस्तार से जानते है।
पाइनएप्पल की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी
पाइनएप्पल की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है। अच्छी जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है। पी.एच. स्तर 5.5 से 6.5 होना चाहिए।
यह भी पढ़े: प्याज का आज का बाजार भाव, किस मंडी में कितना है रेट?
पाइनएप्पल की खेती कैसे करें
पाइनएप्पल की खेती कई माध्यम से की जाती है। इसको पंक्तियों के बीच 60-75 सेमी और पौधों के बीच 30-45 सेमी की दूरी रखी जाती है। खेत की तैयारी के दौरान जैविक खाद का प्रयोग करना चाहिए। ज्यादा पानी इसकी जड़ों को सड़ा सकता है, इसलिए हल्की सिंचाई करनी चाहिए। वर्षा वाले क्षेत्रों में सिंचाई की अधिक आवश्यकता नहीं होती। खरपतवार नियंत्रण के लिए गीली घास का उपयोग करें।
पाइनएप्पल की फसल में रोग और कीट नियंत्रण के लिए जैविक या आवश्यक कीटनाशकों का छिड़काव करें। रोपण के 15-18 महीने बाद फल तैयार हो जाते हैं। पूर्ण परिपक्व फल का रंग पीला या हल्का नारंगी होता है। प्रति हेक्टेयर 25-40 टन तक उत्पादन मिल सकता है।
पाइनएप्पल से कमाई
पाइनएप्पल की मांग स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक है। इससे जूस, जैम, कैंडी और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं। उचित देखभाल से प्रति हेक्टेयर 2-3 लाख रुपये तक का लाभ मिल सकता है।