बारिश में मौसम में केले की फसल में कई खतरनाक कीटों का प्रकोप फैलने लगता है जिससे पौधों के विकास में बहुत रूकावट पैदा होना शुरू हो जाती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए जानते है कौन से जैविक कीटनाशक का इस्तेमाल करना लाभदायक साबित होता है।
केले की फसल में लगे कीटों का आतंक होगा खत्म
केले की खेती भारत में बहुत बड़े पैमाने पर की जाती है इसकी खेती में अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसान कई खाद और कीटनाशक का इस्तेमाल करते है रासायनिक कीटनाशक कीटों को मारने के साथ फल के पोषक तत्वों को भी खत्म कर देते है जिससे फल की गुणवत्ता कम हो जाती है। केले की खेती में कीटों को खत्म करने के लिए हम आपको ऑर्गेनिक कीटनाशक के बारे में बता रहे है जो रासायनिक कीटनाशक के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद और बेहद सस्ता होता है। तो आइये इसके बारे में तनिक विस्तार से समझते है।

केले की फसल में करें इस घोल का छिड़काव
केले की फसल को कीटों से मुक्त रखने के लिए नीम के तेल, नीम का अर्क, गोमूत्र, गोबर, हल्दी पाउडर और केले के छिलके से बना घोल एक उत्कृष्ट और ऑर्गेनिक कीटनाशक के रूप में काम करते है इसे घर में ही तैयार किया जा सकता है नीम के तेल और नीम के अर्क में मौजूद तत्व एफिड्स, थ्रिप्स, घुन, तना छेदक और सफेद मक्खी जैसे कीटों को पौधों से कोसों दूर रखते है। गोमूत्र और गोबर पौधों की वृद्धि और गुणवत्ता को बढ़ाने में उपयोगी साबित होते है गोमूत्र फफूंदनाशक के रूप में भी काम करता है और मिट्टी को समृद्ध करता है हल्दी पाउडर में एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण होते है जो मिट्टी में फंगस को नियंत्रित करते है हल्दी में पाए जाने वाला करक्यूमिन पौधों को चींटी, एफिड्स और बीटल जैसे कीड़ों से बचाता है जो केले के पौधों के लिए हानिकारक होते है। केले के छिलके में पोटेशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते है तो फलों की गुणवत्ता और उपज में सुधार करते है।
2-3 स्प्रे में मिलेंगे चौंकाने वाले फायदे
केले की फसल नीम के तेल, नीम का अर्क, गोमूत्र, गोबर, हल्दी पाउडर और केले के छिलके से बने घोल का छिड़काव बहुत लाभदायक और असरदार साबित होता है। इसे बनाने के लिए एक टैंक में 50 लीटर पानी, नीम का तेल, नीम का अर्क, 8 लीटर गोमूत्र, 2 मुट्ठी पीसी हल्दी, 1 किलो केले के छिलके का पाउडर को डालना है और रात भर के छोड़ देना है फिर इसे छानकर स्प्रे पंप में भर केले की फसल में स्प्रे करना है इसका स्प्रे 8 से 10 दिन के अंतराल में दोबारा दोहराना है। ऐसा करने से फसल एकदम कीट मुक्त रहेगी और उत्पादन अच्छा होगा।

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