धान में लगे इस रोग से किसान हो गए है परेशान, शुरुआती लक्षण देख जल्द करें ये छिड़काव उत्पादन में नहीं होगी जरा-सी-भी कमी, जाने स्टिक उपाय

On: Sunday, October 12, 2025 8:05 PM
धान में लगे इस रोग से किसान हो गए है परेशान, शुरुआती लक्षण देख जल्द करें ये छिड़काव उत्पादन में नहीं होगी जरा-सी-भी कमी, जाने स्टिक उपाय

धान की फसल की देखरेख अच्छे से करना चाहिए। क्योकि जरा सी चूंक बड़ी परेशानी खड़ी कर सकती है धान की फसल में ये रोग से किसान बहुत परेशान रहते है इसको समय पर कंट्रोल न किया जाये तो ये फसल को काफी ज्यादा नुकसान पंहुचा सकता है जिससे धान की पैदावार में गिरावट होती है।

धान में लगे इस रोग से किसान हो गए है परेशान

धान की खेती में गलका रोग एक बड़ी समस्या है ये एक फफूंद जनक बीमारी है जो पत्तियों और तनों पर अंडाकार, हरे-भूरे पानी से लथपथ धब्बों के रूप में दिखाई देती है। इस रोग के खराब प्रभाव से पत्तियां झुलस जाती है और बाली निकलने में समस्या होती है जिससे धान के उत्पादन में कमी आती है। इसके शुरुआती अवस्था में लक्षण दिखने पर नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। तुरंत रोकथाम के उपाय करना चाहिए इससे बचाव के लिए खेत की मेड़ों को साफ रखना चाहिए और खेत को खरपतवार मुक्त बनाना चाहिए। इसके अलावा यूरिया खाद प्रयोग संतुलित मात्रा में करना चाहिए। और रोग ग्रस्त पत्तियों को पौधे से तोड़कर खेत से दूर नष्ट करके फेंक देना चाहिए। जिससे संक्रमण फैलता नहीं है।

इस दवा का करें छिड़काव

धान की फसल में गलका रोग की समस्या ज्यादा बढ़ रही है तो आप थिफ्लुजामाइड 24% एससी दवा का छिड़काव फसल में कर सकते है ये एक प्रभावी प्रणालीगत उत्कृष्ट कवकनाशी है जो धान की फसल को गलका रोग से सुरक्षित रखने में सहायक होती है इसका छिड़काव फसल में करने से गलका रोग नियंत्रित होता है। ये पत्तियों के माध्यम से तेजी से अवशोषित हो जाता है और कवक की ऊर्जा उत्पादन प्रक्रिया को बाधित करता है जिससे रोग कंट्रोल करने में मदद मिलती है। ये एक प्रकार का सुरक्षात्मक और उपचारात्मक कवकनाशी है।

इस तरीके से करें छिड़काव

धान की फसल में गलका रोग को नियंत्रित करने के लिए थिफ्लुजामाइड 24% एससी दवा का इस्तेमाल पानी में घोलकर किया जाता है इसका उपयोग करने के लिए 150 एमएल थिफ्लुजामाइड 24% एससी को 200 लीटर पानी में घोलकर स्प्रे पंप की मदद से पूरी फसल में छिड़काव करना चाहिए। इससे फसल में लगा गलका रोग जिसे शीथ ब्लाइट भी कहते है वो नियंत्रित होता है और धान की उपज बहुत अच्छी होती है।

इसका उपयोग उत्पाद के लेबल पर दिए गए निर्देशों के अनुसार पढ़कर सही मात्रा और पानी के साथ घोल बनाकर उपयोग करना महत्वपूर्ण है। कटाई से कुछ समय पहले अंतिम छिड़काव से बचना चाहिए। 

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