धान की फसल में लटों का प्रकोप धान की पत्तियों को खाकर नष्ट कर देते है इनसे प्रभावित पौधे दिखते ही तुरंत रोकथाम के उपाय करना आवश्यक होता है तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते है।
धान की फसल में लटों का आतंक
धान की फसल में स्वार्मिंग केटरपिलर या पत्ता लपेटक जैसी सुंडियों का प्रकोप तेजी से फैलता है ये स्वार्मिंग केटरपिलर पौधों की पत्तियों के हरे पदार्थ को जल्दी-जल्दी खाकर चट कर जाती है जिससे धान के पौधे खराब हो जाते है और मर जाते है। इसके नियंत्रण के लिए प्रभावित कीटग्रस्त पत्तियों को पौधे से अलग कर देना चाहिए और पौधे में स्वार्मिंग केटरपिलर दिखते ही उसे नष्ट कर के खेत से दूर फेंक देना चाहिए अगर फसल में इसका प्रकोप बहुत ज्यादा फैलता है तो आप कीटनाशकों का प्रयोग भी कर सकते है। तो चलिए जानते है कौन सा कीटनाशक है।

धान की फसल में लटों का आतंक होगा खत्म
धान की फसल में स्वार्मिंग केटरपिलर या पत्ता लपेटक जैसी सुंडियों को खत्म करने के लिए क्लोरपायरीफॉस और साइपरमेथ्रिन जैसे कीटनाशक के बारे में बता रहे है ये एक उत्कृष्ट और असरदार रासायनिक कीटनाशक है। ये धान की फसल में स्वार्मिंग केटरपिलर और पत्ता लपेटक सुंडियों जैसे कीटों को जड़ से खत्म कर देता है और केटरपिलर को एक खेत से दूसरे खेत में जाने से भी रोकते है। इसके अलावा खरपतवार को भी नियंत्रित करना चाहिए क्योंकि स्वार्मिंग केटरपिलर घास में भी पाए जाते है।
कैसे करें छिड़काव
धान की फसल में स्वार्मिंग केटरपिलर को खत्म करने के लिए 1 मिलीलीटर क्लोरपायरीफॉस दवा को प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए और साइपरमेथ्रिन को भी समान मात्रा में घोलकर शाम के समय छिड़काव करना चाहिए। ऐसा करने से केटरपिलर या पत्ता लपेटक कीट फसल के आस पास भी नहीं भटकते है। इसके अलावा केटरपिलर नियंत्रण के लिए नाइट्रोजन युक्त उर्वरक का संतुलित मात्रा में उपयोग करना चाहिए। नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों का सिफारिश की गई मात्रा की तुलना में अधिक इस्तेमाल करने से भी स्वार्मिंग केटरपिलर का प्रकोप बढ़ता है।

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