किसानों को यहां पर भिंडी की नई वैरायटी काशी सहिष्णु की खासियत के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे कृषि वैज्ञानिकों ने हाल ही में विकसित किया है-
भिंडी की खेती में मुनाफा
बरसात में किसानों को भिंडी की खेती में अच्छा मुनाफा हो रहा है। इसलिए आज भिंडी की एक नई वैरायटी की जानकारी लेने जा रहे हैं। जिसे हाल ही में विकसित किया गया है, और यह दावा किया जा रहा है कि इस वैरायटी की खेती अगर किसान करेंगे तो कमाई में 20 से 25% तक वृद्धि होगी। यानी कि पहले से ज्यादा की आमदनी किसान अब भिंडी की खेती में ले पाएंगे। गर्मी और बरसात में किसानों ने भिंडी की खेती से अच्छा मुनाफा कमाया है, इस मौसम के लिए भिंडी एक अच्छा विकल्प मानी जाती है।
भिंडी की काशी सहिष्णु वैरायटी
कृषि वैज्ञानिको द्वारा किसानों के लिए भिंडी के नई किस्म विकसित की गई है। जिसमें भिंडी की काशी सहिष्णु वैरायटी को विकसित करने का श्रेय वाराणसी के भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान को जाता है। जहां पर आईआईवीआर, वाराणसी और एडोर सीड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ पुणे कंपनी का भिंडी की इस उन्नत किस्म के बीज के उत्पादन का समझौता भी हुआ है। अब भिंडी की इस उन्नत किस्म के बीज को उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, झारखंड के किसानों को फायदा मिलेगा। यहां के लिए यह अनुकूल किस्म रहेगी।
उत्पादन और फसल तैयार होने का समय
भिंडी की काशी सहिष्णु वैरायटी की खेती अगर किसान करते हैं तो उन्हें प्रति हेक्टेयर 135 से 145 क्विंटल तक उत्पादन मिल सकता है। यह फसल लगभग 45 दिन में तैयार हो जाती है, फिर फूल आने लगते हैं, और धीरे-धीरे फल भी आते हैं। इसकी फलन अवधि 48 से 110 दिन के बीच की मानी जाती है। इसकी खेती में किसानों को एक फायदा यह भी है की स्प्रे आदि का खर्चा कम आएगा। क्योंकि यह येलो वेन मोज़ेक वायरस और एंटेशन लीफ कर्ल वायरस के प्रति प्रतिरोधी मानी जाती है, जिससे किसानों को इस रोग-बीमारी के खतरे की टेंशन नहीं रहेगी।
भिंडी की खेती किसान दो बार कर सकते है। जिसमें गर्मी की फसल के लिए फरवरी-मार्च और बरसात की फसल के लिए जून-जुलाई में बुवाई की जाती है।